Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Aug, 2023 02:37 PM
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास चावल और गेहूं का स्टॉक अगस्त महीने में 2017 के बाद सबसे निचले स्तर पर है। हालांकि, सरकार ने पिछले वर्ष के 495 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले खरीफ विपणन सीजन 2023-24 के लिए 521 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा है।
बिजनेस डेस्कः भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास चावल और गेहूं का स्टॉक अगस्त महीने में 2017 के बाद सबसे निचले स्तर पर है। हालांकि, सरकार ने पिछले वर्ष के 495 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले खरीफ विपणन सीजन 2023-24 के लिए 521 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा है। कम स्टॉक महंगाई के नजरिए से चिंताजनक है जबकि विशेषज्ञों ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह चिंता का विषय नहीं है।
22 अगस्त को एफसीआई के पास कुल खाद्यान्न भंडार 523.35 लाख मीट्रिक टन रहा, जिसमें से 242.96 लाख मीट्रिक टन चावल और 280.39 लाख मीट्रिक टन गेहूं है।
क्रिसिल की प्रमुख अर्थशास्त्री दीप्ति देशपांडे ने कहा, ''भारत ने ऐतिहासिक रूप से आवश्यक मानदंडों से अधिक भंडारण किया है और इसलिए मौजूदा स्तर चिंताजनक नहीं हैं। हालांकि यह खाद्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से चिंताजनक नहीं है क्योंकि स्टॉक अभी भी आवश्यक मानदंडों से अधिक है, इस साल कुल मिलाकर उत्पादन प्रभावित हुआ है जिससे कीमतों पर दबाव बना रहेगा, हालांकि घरेलू आपूर्ति बढ़ाकर सरकारी हस्तक्षेप कुछ हद तक कीमत के प्रभाव को कम कर सकता है।"
बार्कलेज के एमडी और ईएम एशिया (एक्स-चाइना) इकोनॉमिक्स के प्रमुख राहुल ने कहा, "इस खरीफ सीजन में चावल की खेती का रकबा बढ़ने से देश में चावल की स्थिति अच्छी रहेगी लेकिन गेहूं थोड़ी चिंता का विषय हो सकता है।" गेहूं की बुआई रबी सीजन में होती है जो अक्टूबर में शुरू होती है।
केंद्र सरकार अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कार्यक्रम के तहत गेहूं की खरीद करती है। जो इसकी थोक दरों को नियंत्रण में रखने के लिए महत्वपूर्ण है। जून में, खाद्य मंत्रालय को 2008 के बाद पहली बार अनाज पर स्टॉक सीमा लगानी पड़ी। भारत ने मई 2022 में अनाज के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, चावल का क्षेत्रफल 312.80 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 328.22 लाख हेक्टेयर हो गया है। नई फसल अक्टूबर से आने की उम्मीद है।