Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 12:06 PM
वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को आम बजट पेश करने वाले हैं। बजट में इस बार इंश्योरेंस सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं, खासकर लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस को। बीमा सेक्टर वैसे तो भारत में काफी लोकप्रिय है लेकिन बीमा कंपनियों को उम्मीद है कि इस...
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को आम बजट पेश करने वाले हैं। बजट में इस बार इंश्योरेंस सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं, खासकर लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस को। बीमा सेक्टर वैसे तो भारत में काफी लोकप्रिय है लेकिन बीमा कंपनियों को उम्मीद है कि इस सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए और आकर्षक बनाने के लिए सरकार इस बजट में अलग से कुछ और उपाय करेगी।
अभी इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत बीमा सेक्टर में किए गए निवेश पर छूट मिलती है। इस सेक्शन के तहत कुल 1.5 लाख रुपए की छूट मिलती है, जिसमें बीमा में निवेश के साथ-साथ हाउस रेंट, एजुकेशन में खर्च आदि अन्य प्रकार के खर्चे भी शामिल हैं।
इंश्योरेंस सेक्टर की सबसे पहली और सबसे अहम उम्मीद इस बार के बजट से यह है कि इस बार के बजट में आईटी सेक्शन 80 सी के तहत किए जाने वाले खर्चों और निवेशों में छूट की सीमा बढ़ाई जाएगी और इस सेक्शन के तहत इंश्योरेंस सेक्टर में खासकर जीवन बीमा में किए जाने वाले निवेश के लिए अलग से 50,000 रुपए की कैप बनाई जाएगी। यानी बीमा कंपनियां चाहती हैं कि सरकार उन लोगों को आगामी बजट में इनकम टैक्स में छूट दे जो सालाना 50,000 रुपए तक का प्रीमियम भरते हैं। बीमा सेक्टर की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण उम्मीद इस बजट से यह है कि 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा किए गए निवेश पर इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाई जाए। वरिष्ठ नागरिकों को हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश करने पर अभी इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के तहत 30,000 रुपए की छूट मिलती है। बीमा सेक्टर की मांग है कि यह सीमा बढ़ाई जाए।