एपल पर भारी न पड़ जाए ‘मेक इन इंडिया’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Oct, 2017 06:48 PM

make in india do not fall on apple

आईफोन बनाने वाली एपल पर कहीं मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ भारी न पड़ जाए। दरअसल, सरकार का मानना है...

नई दिल्ली: आईफोन बनाने वाली एपल पर कहीं मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ भारी न पड़ जाए। दरअसल, सरकार का मानना है कि माल व सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत आईफोन बनाने वाली एपल को कर व शुल्क से जुड़ी रियायतें देना संभव नहीं होगा। 

एपल की मांग
-ऐपल इंडिया ने मैन्युफैक्चरिंग और मरम्मत यूनिट्स पर शुल्क छूट और अन्य रियायतें मांगी थीं। 
-स्थानीय स्तर पर पुर्जों की 30 फीसदी खरीद के अनिवार्य नियम से भी छूट चाहती है।
-कंपनी ने तैयार पुर्जों के आयात शुल्क में भी रियायत की मांगी है। 

क्या कहना है सूत्रों का
-नई कर प्रणाली के तहत उक्त रियायतें नहीं दे सकती क्योंकि इसका प्रयास ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देना है न कि आयात को।  
-हम स्मार्टफोनों व उसके पाट्र्स के आयात पर सीमा शुल्क पहले ही बढ़ा चुके हैं। 

आपको बता दें कि एक जुलाई से लागू जीएसटी के तहत छूटों को समाप्त कर दिया गया है और देश भर में माल व सेवाओं पर समान रूप से चार स्तरीय कर लागू कर दिया गया है।
 

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