कृषि मंत्रालय की रिपोर्टः इस साल 23 लाख हेक्टेयर पर आम की खेती होने का अनुमान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Apr, 2019 02:49 PM

mango cultivation estimated to be 23 lakh hectares this year

आम खाने के शौकीन लोगों के लिए अच्छी खबर है। इस बार आम का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले अधिक रह सकता है। यह अनुमान केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से लगाया गया है। कृषि मंत्रालय के अनुमान के

नई दिल्लीः आम खाने के शौकीन लोगों के लिए अच्छी खबर है। इस बार आम का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले अधिक रह सकता है। यह अनुमान केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से लगाया गया है। कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक आम उत्पादन सीजन 2018-19 में भारत में आम का उत्पादन 2.235 करोड़ टन रहेगा जबकि पिछले साल 2.182 करोड़ टन आम का उत्पादन रहा। मंत्रालय के अनुमान में इस सीजन के लिए आम की खेती का कुल अनुमानित रकबा भी बढ़ा हुआ है। इस साल 23 लाख हेक्टेयर पर आम की खेती होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 22.6 लाख हेक्टेयर पर आम की खेती की गई थी। सबसे बड़ी बात है कि इस साल आम के निर्यात में भी बढ़ोतरी का अनुमान है। इसलिए भारतीय बाजार में आम के उत्पादन में बढ़ोतरी के बावजूद आम की कीमत में कोई खास राहत नहीं मिलेगी। दक्षिण कोरिया एवं सर्बिया जैसे देश इस साल भारतीय आम के लिए अपने-अपने बाजार को खोल रहे हैं। जापान में आम निर्यात का रास्ता पहले ही साफ हो चुका है। जापान आम निर्यात के लिए भारतीय प्रसंस्करण संयंत्रों का परीक्षण पहले ही कर चुका है।

वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक इस साल आम के निर्यात में बढ़ोतरी के लिए सरकार की तरफ से कई प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। सभी दूतावासों में भारतीय आम का स्वाद चखने के लिए मुफ्त में आम की व्यवस्था की गई है। वहीं कई देशों के भारतीय दूतावास में यह इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस प्रयास की बदौलत इस साल आम के निर्यात में पिछले साल के मुकाबले 10-15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। 2017-18 में आम का निर्यात 5.9 करोड़ डॉलर का रहा जबकि 2016-17 में 6.7 करोड़ डॉलर आम का निर्यात किया गया था। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल आम निर्यात में गिरावट के कारण सरकार ने पश्चिम एशिया, अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं।

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपिडा) के एक अधिकारी के मुताबिक उत्पादन में सुस्ती के कारण कम उपलब्धता से पिछले साल भारत के आम निर्यात में कमी दर्ज की गई। हमें इस साल अपने आम निर्यात में 10 से 15 प्रतिशत की तेजी आने का अनुमान है। हमने पिछले साल कई प्रोत्साहन गतिविधियां आयोजित कीं। नए बाजार तक पहुंच बनाने की भी अनुमति दी गई है जिससे इस सीजन में आम निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। एपिडा द्वारा एकत्रित आंकड़ों से पता चलता है कि संयुक्त अरब अमीरात भारत के आम निर्यात में सूची में सबसे ऊपर रहा और वहां 2017-18 में 2.56 करोड़ डॉलर मूल्य के आम निर्यात किए गए। इसके बाद 74 लाख डॉलर के साथ ब्रिटेन का स्थान रहा। उद्योग सूत्रों के अनुसार आम की प्रमुख किस्मों की सीजन-पूर्व खेप पहले ही शुरू हो गई हैं। इस सीजन में भारतीय आम का मूल्य पिछले साल की तुलना में अधिक है। हालांकि भारतीय निर्यातकों को इसी सीजन में आम की उपलब्धता के साथ-साथ पूरे देश में कम उत्पादन की वजह से चिंता का सामना करना पड़ा रहा है। 

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