लोकसभा चुनाव से पहले बाजार में 10% तक की तेजी मुमकिन: Morgan Stanley

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Sep, 2023 05:25 PM

market rise of up to 10 possible before lok sabha elections

मॉर्गन स्टैनली को मई 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले शेयर बाजारों में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है। ब्रोकरेज ने यह उम्मीद निरंतरता और चुनाव में बहुमत मिलने के अनुमान से जताई है। मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि मार्केट मोटे तौर पर

बिजनेस डेस्कः मॉर्गन स्टैनली को मई 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले शेयर बाजारों में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है। ब्रोकरेज ने यह उम्मीद निरंतरता और चुनाव में बहुमत मिलने के अनुमान से जताई है। मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि मार्केट मोटे तौर पर चुनाव के समय आशावाद दिखता है और इस बार भी मामला शायद अलग नहीं होगा। हालांकि ब्रोकरेज ने चेतावनी दी है कि अगर चुनाव के नतीजे प्रतिकूल रहे तो बाजारों में 40 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।

मॉर्गन स्टैनली के भारतीय रिसर्च हेड व इक्विटी रणनीतिकार रिधम देसाई ने अन्य विश्लेषकों शीला राठी और नयंत पारिख के साथ लिखी रिपोर्ट में कहा है, ऐतिहासिक तौर पर भारतीय बाजार आशावाद के साथ चुनाव के नजदीक पहुंचते हैं। हमें इस बार भी ऐसा ही पैटर्न रहने का अनुमान है, मतलब ऐसा नतीजा, जो बहुमत के साथ सरकार की निरंतरता बताता हो। हालांकि यह इस पर निर्भर करता है ​कि विपक्षी दल कितनी कामयाबी से सीटें साझा करते हैं, जो सरकार के लिए खतरा बन सके। समय से पहले चुनाव से बाजार अल्पावधि पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।

यह मानते हुए यह अनुमान लगाया गया है कि चुनाव की प्रक्रिया अप्रैल में शुरू होगी और इसकी समाप्ति मई के तीसरे हफ्ते में नतीजे की घोषणा से होगी। यह भी माना जा रहा है कि चुनाव समय से पहले नहीं होंगे, जिसकी संभावना हमेशा होती है। मॉर्गन स्टैनली ने कहा, समय से पहले चुनाव कराने से बाजार अल्पावधि की चाल पर संकेंद्रित हो सकता है। साल 2004 में जब चुनाव के नतीजे प्रतिकूल रहे थे तो सेंसेक्स एक कारोबारी सत्र में 17 फीसदी टूट गया था।

देसाई ने कहा, कहानी को पारिभाषित करने वाला क्षण यह होगा कि 26 पार्टियों का विपक्षियों का गठबंधन क्या सीटें साझा करने पर आम सहमति बना पाता है और यह कब तक हो पाता है। यह ऐसी चीज है जिसके बारे में हमें चुनाव की तारीख के आसपास ही जानकारी मिलेगी। मॉर्गन स्टैनलीके नोट में कहा गया है, आम चुनाव के नतीजों में बाजार को दोनों दिशाओं में से एक की ओर झुकाने की पर्याप्त क्षमता होती है।

ब्रोकरेज फर्म ने कहा, ‘अगर हम चुनाव पूर्व बाजार की चाल को लेकर सही हैं तो चुनाव के नतीजे इसी पर निर्भर करेंगे। हमारा मानना है कि बाजार में 5 फीसदी की बढ़त से लेकर 40 फीसदी तक की गिरावट की क्षमता है, जो इस पर निर्भर करेगा कि अल्पावधि में चुनाव के नतीजे बाजार के लिए कितने अहम हो सकते हैं।’

ब्रोकरेज की सलाह है कि निवेशक उतारचढ़ाव के खिलाफ हेजिंग के लिए ऑप्शंस (डेरिवेटिव रणनीति) का इस्तेमाल कर सकते हैं। अन्य के लिए उनकी सिफारिश बोरबेल पोर्टफोलियो की है, जो देसी साइक्लिकल, दरों के प्रति संवेदनशील और तकनीक पर ओवरवेट है।

मॉर्गन स्टैनली ने कहा, भारत के चुनावी कैलेंडर की व्यवस्तता के साथ अमेरिकी शेयर बाजार, ब्याज दरें, वृद्धि, कच्चे तेल की कीमतें और महंगाई जैसे कारक भी अहम भूमिका निभाएंगे। तीनों विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव के नतीजों पर शेयर बाजार के निवेशकों, सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले (50 करोड़ से ज्यादा) और पहली बार मतदाता बनने वाले (करीब 13 करोड़) गैर-समानुपाती ढंग से शायद असर डालेंगे।
 

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