Edited By ,Updated: 21 May, 2017 01:26 PM
आप का मंथली PF कंट्रीब्यूशन 4 फीसदी घट सकता है। मोदी सरकार इस बारे में एक प्रस्ताव ला रही है।
नई दिल्लीः आप का मंथली PF कंट्रीब्यूशन 4 फीसदी घट सकता है। मोदी सरकार इस बारे में एक प्रस्ताव ला रही है। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो संगठित क्षेत्र में काम कर रहे लगभग 4 करोड़ कर्मचारियों के पीएफ फंड पर असर पड़ेगा और उनको रिटायरमेंट पर पीएफ के तौर पर कम पैसा मिलेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ईपीएफओ ने 27 मई को होने वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी सीबीटी की बैठक के एजेंडे में इम्पलॉयर का मौजूदा 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन को घटा कर 10 फीसदी करने के प्रस्ताव शामिल किया है। सीबीटी की बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
इम्पलाई का कंट्रीब्यूशन भी होगा कम
सी.बी.टी. मेंबर और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी बीएल सचदेवा ने बताया कि एम्पलॉयर्स के प्रतिनिधियों के कहने पर ई.पी.एफ.ओ. ने इस प्रस्ताव को सी.बी.टी. के एजेंड में रखा है। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो इससे 2 फीसदी इम्पलॉयर कंट्रीब्यूशन के साथ साथ वर्कर्स का 2 फीसदी कंट्रीब्यूशन भी घट जाएगा। यानी उसके पीएफ फंड में 12-12 फीसदी के बजाए 10-10 फीसदी कंट्रीब्यूशन जाएगा।
ये होगा आप पर असर
मौजूदा समय में अगर किसी की बेसिक सैलरी और डीए मिला कर 10,000 हजार रुपए है तो उसमें से 1,200 रुपए इम्पलॉयर कंट्रीब्यूशन के तौर पर और 1,200 रुपए वर्कर्स कंट्रीब्श्ूान के तौर पर पीएफ में कटता है। एइम्पलॉयर कंट्रीब्यूशन 2 फीसदी घटने पर 1,000 रुपए इम्पलॉयर कंट्रीब्यूशन और 1,000 रुपए वर्कर्स कंट्रीब्यूशन के तौर पर कटेगा। इससे वर्कर्स के पीएफ में हर माह 400 रुपए कम जाएंगे ।
ये होंगे अन्य फायदे
-बी.एल. सचदेवा का कहना है कि इम्पलॉयर की दलील है कि अगर 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन को घटा कर 10 फीसदी किया जाता है तो कर्मचारी के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा। वह यह पैसा खर्च करेगा जिससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी।
- कंट्रीब्यूशन घटने से कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी तो बढ़ जाएगी लेकिन उनका रिटायरमैंट फंड कम हो जाएगा। एक तरह से कह सकते हैं कि इस कदम से कर्मचारियों को मिल रही सामाजिक सुरक्षा कमजोर होगी।
- सीबीटी की बैठक में ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध करेंगे। यह कदम कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है। सी.बी.टी. के एक और मेंबर और हिंद मजदूर सभा के सेक्रेटरी एडी नागपाल ने बताया इस प्रस्ताव के जरिए सरकार किसका भला करना चाहती है समझना मुश्किल है। हमारी ज्यादातर वर्कर्स प्रतिनिधियों से बात हुई है। सभी वर्कर्स प्रतिनिधि इस प्रस्ताव को विरोध करने की बात कह रहे हैं।