Edited By Pardeep,Updated: 22 Nov, 2018 05:31 AM
उद्योग संगठन कन्फैडरेशन ऑफ ए.टी.एम. इंडस्ट्री (कैटमी) ने चेतावनी देते हुए कहा कि हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड व नकदी प्रबंधन योजनाओं के हालिया मानकों के चलते मार्च 2019 तक संचालन के अभाव में 50 प्रतिशत ए.टी.एम. बंद हो जाएंगे। कैटमी के प्रवक्ता ने...
मुम्बई: उद्योग संगठन कन्फैडरेशन ऑफ ए.टी.एम. इंडस्ट्री (कैटमी) ने चेतावनी देते हुए कहा कि हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड व नकदी प्रबंधन योजनाओं के हालिया मानकों के चलते मार्च 2019 तक संचालन के अभाव में 50 प्रतिशत ए.टी.एम. बंद हो जाएंगे। कैटमी के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में इस समय तकरीबन 2 लाख 38 हजार ए.टी.एम. हैं जिनमें से 1 लाख ऑफ साइट और 15,000 से अधिक व्हाइट लेबल ए.टी.एम. सहित 1 लाख 13 हजार ए.टी.एम. बंद हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि ए.टी.एम. हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के लिए विनियामक दिशा-निर्देश, नकदी प्रबंधन मानकों की हालिया शर्तें और कैश लोडिंग की कैसेट स्वैप पद्धति के कारण संगठन को बाध्य होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस कदम से उद्योग में भारी बेकारी भी आएगी, जो पूरी अर्थव्यवस्था में वित्तीय सेवाओं के लिए हानिकारक होगी।
ये नियम लगा रहे अड़ंगा
-भारतीय रिजर्व बैंक ने ए.टी.एम. फ्रॉड को रोकने के लिए सभी बैंकों से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने को कहा है।
-आर.बी.आई. ने बैंकों से अपडेटेड हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने को कहा है ताकि ए.टी.एम. हैकिंग की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।
-ए.टी.एम. लूट को रोकने के लिए कैश मैनेजमैंट स्टैंडर्ड और कैश लोडिंग को लेकर भी नए नियम जारी किए गए हैं।
-ए.टी.एम. की संस्था का कहना है कि कैश मैनेजमैंट स्टैंडर्ड और कैश लोडिंग के नए नियमों के अनुसार बदलाव करने में 3500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
-संस्था के मुताबिक ए.टी.एम. कम्पनियां, ब्राऊन लेबल और व्हाइट लेबल पहले ही घाटे से जूझ रही हैं। ऐसे में बदलाव पर होने वाला खर्च उनकी कमर तोड़ देगा।