Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 May, 2018 06:46 PM
कर चोरी को रोकने के लिए आयकर विभाग पूरी तैयारी किए हुए है। तभी तो महज 77 पैसे के हेर-फेर पर आयकर विभाग ने कंपनी को नोटिस जारी कर दिया। दरअसल, अहमदाबाद में एक इंजीनियरिंग कंपनी को स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिला है।
नई दिल्लीः कर चोरी को रोकने के लिए आयकर विभाग पूरी तैयारी किए हुए है। तभी तो महज 77 पैसे के हेर-फेर पर आयकर विभाग ने कंपनी को नोटिस जारी कर दिया। दरअसल, अहमदाबाद में एक इंजीनियरिंग कंपनी को स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिला है। यह नोटिस कंपनी के टैक्स पेमेंट में 0.77999999999883585 रुपए का अंतर मिलने पर भेजा गया है यानी महज 77 पैसे का अंतर भी पकड़ में आ गया। नोटिस में लिखा गया है कि कृपया अक्तूबर-17 से दिसंबर-17 के बीच जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर 3बी के टैक्स अमाउंट के अंतर को स्पष्ट करें।
नोटिस में क्या था?
नोटिस में आगे लिखा गया है कि यह राशि 0.77999999999883585 रुपए है। दरअसल जीएसटी भुगतान में करीब 34 फीसदी गिरावट के बाद टैक्स अधिकारियों ने उन कंपनियों को नोटिस भेजना शुरू किया है जिनका टैक्स पेमेंट उनके फाइनल सेल्स रिटर्स से मेल नहीं खा रहा। इसके अलावा जिन कंपनियों के फाइनल सेल्स रिटर्न GSTR-1 GSTR-2A से मेल नहीं खा रहा उन्हें भी स्क्रूटनी नोटिस मिली हैं।
GSTR-2A सेलर्स के रिटर्न के बाद सिस्टम से ऑटो जेनरेट होने वाले पर्चेस रिटर्न को कहते हैं। रेवेन्यू डिपार्मेंट के तरफ से मार्च में किए गए एक आकलन के मुताबिक 34 फीसदी कारोबारों ने जुलाई-दिसंबर के बीच शुरुआती रिटर्न समरी (GSTR-3B) फाइल करने के दौरान 34,400 करोड़ रुपए कम टैक्स अदा किया।
सरकारी खजाने में 8.16 लाख करोड़
इन 34 फीसदी कारोबारों से GSTR-3B के रूप सरकारी खजाने में 8.16 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया। जबकि उनके GSTR-1 के डेटा के अनैलेसिस के मुताबिक सरकारी खजाने में 8.5 लाख करोड़ रुपए आने चाहिए थे। एक्सपर्ट के मुताबिक जीएसटी रिजीम में डेटा ऐनालिटिक्स ने इस गड़बड़ी को पकड़ा और कारोबारियों को GSTR-1 और GSTR-3B व GSTR-2A और GSTR-3B के बीच के फर्क को लेकर नोटिस मिलना शुरू हुआ है।