1 April से कहीं मिलेगा फायदा तो कहीं कटेगी जेब, टैक्स नियमों में होगा बदलाव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Mar, 2018 04:34 PM

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31 मार्च को वित्त वर्ष 2017-18 खत्म हो जाएगा और 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो जाएगा। नए वित्त वर्ष में फाइनैंशल वर्ल्ड में कई बदलाव आ जाएंगे।

नई दिल्लीः 31 मार्च को वित्त वर्ष 2017-18 खत्म हो जाएगा और 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो जाएगा। नए वित्त वर्ष में फाइनैंशल वर्ल्ड में कई बदलाव आ जाएंगे। 1 अप्रैल से आपके लिए टैक्स के मोर्चे पर भी कई नियम बदल रहे हैं। जानें 1 अप्रैल से क्या-क्या बदलने वाला है।

स्टैंडर्ड ड‍िडक्शन 
बजट में वित्त मंत्री अरुण जेतली ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाने का प्रस्ताव दिया था। इसके लागू होने पर ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल अलाउंस हट जाएंगे। आसान भाषा में समझें तो सैलरी क्लास लोगों की सैलरी से इनकम टैक्स छूट के नाम सीधे तौर पर 40,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन होगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन के लागू होने से 2.5 करोड़ सैलरी क्लास लोगों को फायदा मिलेगा। खास बात यह है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ वरिष्ठ नागरिकों को भी मिलेगा। जिन्हें अब तक मेडिकल और ट्रांसपोर्ट का फायदा नहीं मिलता था। 

4 फीसदी सेस
बजट में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर लगने वाले एजुकेशन सेस 3 से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया है। यह सेस टैक्सपेयर्स के टैक्स पर लगाया जाता है।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगेगा
शेयर बाजार में शेयर बेचने पर लगने वाले शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के साथ अब एक साल बाद इन शेयरों को बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। हालांकि यह उन लोगों पर लागू होगा जिनको शेयर बिक्री से आय 1 लाख रुपए से अधिक है। 1 लाख से अधिक आय पर 10 फीसदी टैक्स चुकाना होगा।   

NPS पर टैक्स राहत
अब नौकरी छूटने की स्थिति में नेशनल पेंशन सिस्टम (एन.पी.एस.) में टैक्स छूट मिल सकती है। दरअसल, बजट में सरकार ने जो प्रस्ताव रखा है, उसमें एन.पी.एस. से पैसे की निकासी पर टैक्स छूट का फायदा मिलेगा। जो लोग नौकरी नहीं कर रहे हैं और एन.पी.एस. के सदस्य हैं उन्हें ऐसी स्थिति में टैक्स छूट मिलेगी। मौजूदा व्यवस्था में नौकरी नहीं करने वाले लोगों को इसमें छूट नहीं मिलती थी लेकिन 1 अप्रैल 2018 से उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा।

स्वास्थ्य बीमा योजना पर टैक्स छूट
जब आप कुछ साल तक लगातार इंश्योरेंस भरते रहते हैं, तो कई बीमा कंपनियां कुछ डिस्काउंट देती हैं। पहले बीमा लेने वाले 25 हजार रुपए तक की रकम पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते थे लेक‍िन 1 अप्रैल के बाद एक साल से ज्यादा के सिंगल प्रीमियम हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर बीमा अवधि के अनुपात में छूट दिए जाने का प्रस्ताव है।

वरिष्ठ नागरिकों की टैक्स छूट बढ़ी
वरिष्ठ नागरिकों को पोस्ट ऑफ‍िस और बैंक में जमा रकम पर अगर 50 हजार रुपए तक ब्याज मिलता है, तो उन्हें कोई टैक्स नहीं भरना होगा। बजट में सेक्शन 80TTB जोड़े जाने का प्रस्ताव किया गया है, जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को फिक्स्ड डिपोजिट और रिकरिंग डिपोजिट से मिलने वाला 50 हजार रुपए तक का ब्याज टैक्स फ्री होगा।

इलाज खर्च पर टैक्स में राहत
कुछ गंभीर बीमारियों पर मिलने वाली टैक्स छूट बढ़ाकर 1 लाख कर दी गई है। मौजूदा समय में 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए 80 हजार रुपए है। वहीं, 60 से 80 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 60,000 रुपए है। इसके साथ ही सेक्शन 80D के तहत बुजुर्गों के स्वास्थ्य बीमा और आम मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट की सीमा भी 50 हजार कर दी गई है। पहले यह 30 हजार रुपए थी।

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