GST Rate Cut Impact: कपड़े-जूतों पर अब नहीं मिलेंगे 50%-80% डिस्काउंट!

Edited By Updated: 20 Sep, 2025 10:46 AM

now you will not get 50 80 discount on clothes and shoes

कपड़ों और जूतों पर मिलने वाले भारी डिस्काउंट ऑफर अब धीरे-धीरे कम हो सकते हैं। अक्सर दुकानों पर 50 से 80 फीसदी तक की छूट देखने को मिलती थी लेकिन 22 सितंबर से जीएसटी दरों में हुए बदलाव के कारण कंपनियां ऐसी सेल पर कम

बिजनेस डेस्कः कपड़ों और जूतों पर मिलने वाले भारी डिस्काउंट ऑफर अब धीरे-धीरे कम हो सकते हैं। अक्सर दुकानों पर 50 से 80 फीसदी तक की छूट देखने को मिलती थी लेकिन 22 सितंबर से जीएसटी दरों में हुए बदलाव के कारण कंपनियां ऐसी सेल पर कम निर्भर होंगी। दरअसल, सरकार ने 2,500 रुपए तक के कपड़े और जूतों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया है। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा लेकिन कंपनियां अपने मुनाफे से दी जाने वाली अतिरिक्त छूट घटा देंगी।

कंपनियों का कहना है कि टैक्स में कटौती से सामान अपने आप सस्ता हो जाएगा और बिक्री भी बढ़ेगी। ऐसे में उन्हें स्टॉक निकालने के लिए बड़ी छूट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वुडलैंड के मैनेजिंग डायरेक्टर हरकिरत सिंह का कहना है कि जीएसटी घटने से 2,500 रुपए से कम कीमत वाले सामान की बिक्री में बढ़ोतरी होगी और बिना बिका माल कम रह जाएगा। इसी वजह से ग्राहकों को पहले जैसी भारी छूट देखने को नहीं मिलेगी।

कंपनियों की राय

डिपार्टमेंटल रिटेल चेन लाइफस्टाइल इंटरनेशनल ने भी साफ किया है कि ब्रांड्स जीएसटी में 7% की कमी का पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुंचाएंगे। नई दरें लागू होने के साथ ही सभी प्रोडक्ट्स पर नए दाम लिख दिए जाएंगे। हालांकि उनकी तरफ से दी जाने वाली अतिरिक्त छूट भी उतनी ही कम हो जाएगी।

इंडस्ट्री बॉडी क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चीफ मेंटर राहुल मेहता का कहना है कि 1,000 से 2,500 रुपए तक के प्रोडक्ट्स पर छूट लगभग आधी हो सकती है, क्योंकि टैक्स कटौती से ही कीमत पहले घट जाएगी। वहीं, 2,500 रुपए से ऊपर के कपड़े और जूतों पर अब 18% जीएसटी लगेगा, जिससे उनकी कीमतें बढ़ सकती हैं।

लेवी और प्यूमा जैसे ब्रांड्स की रणनीति भी इस बदलाव के बाद बदल सकती है। अब तक उनकी करीब 25 से 30 फीसदी बिक्री 2,500 रुपए से कम कीमत वाले प्रोडक्ट्स से होती थी लेकिन टैक्स घटने के बाद यह हिस्सा 40 से 50 फीसदी तक पहुंच सकता है।

बिक्री में तेजी की उम्मीद

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट बताती है कि सितंबर से दिसंबर के बीच त्योहार और शादी के सीजन में कपड़े और जूतों की बिक्री में तेजी आएगी। जुलाई-अगस्त में बाजार धीमा रहा था लेकिन जीएसटी कटौती और सीजनल डिमांड से ब्रांडेड कपड़ों की बिक्री में मध्यम से तेज़ बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। 

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