Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Oct, 2022 04:37 PM
सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने सोमवार को ओपेक और उसके सहयोगियों द्वारा तेल उत्पादन में कटौती के फैसले का बचाव किया। एक अमेरिकी दूत द्वारा दुनिया के सामने 'आर्थिक अनिश्चितता' की चेतावनी दिए जाने के बीच इन देशों ने तेल उत्पादन में कटौती का...
अबू धाबी: सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने सोमवार को ओपेक और उसके सहयोगियों द्वारा तेल उत्पादन में कटौती के फैसले का बचाव किया। एक अमेरिकी दूत द्वारा दुनिया के सामने 'आर्थिक अनिश्चितता' की चेतावनी दिए जाने के बीच इन देशों ने तेल उत्पादन में कटौती का समर्थन किया। अबू धाबी अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम प्रदर्शनी और सम्मेलन में की गई इन टिप्पणियों से अमेरिका और खाड़ी के अरब देशों के बीच व्यापक विभाजन देखने को मिला। सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुलअजीज बिन सलमान ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में इस बारे में संकेत किया।
गौरतलब है कि आगामी संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन मिस्र और यूएई में आयोजित किया जाएगा। सलमान ने कहा, 'हमने ऐसा किसी और के लिए नहीं, बल्कि अपने लिये किया।' यूएई के ऊर्जा मंत्री सुहैल अल-मजरूई ने कहा कि जरूरत पड़ने पर ओपेक और उसके सहयोगी देश उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार हैं। हालांकि उत्पादन कब तक बढ़ाया जाएगा, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया। उन्होंने कटौती के फैसले का बचाव किया। ऊर्जा मामलों के लिए अमेरिकी दूत अमोस होचस्टीन ने कहा, 'मुझे लगता है कि हम विश्व स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता की दहलीज पर खड़े हैं।'
ओपेक प्लस के एक फैसले ने लगाई कच्चे तेल में आग
एक फैसले ने कच्चे तेल की कीमतों में आग लगा दी। तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और उसके सहयोगियों (OPEC+) ने नवंबर से उत्पादन में प्रतिदिन 20 लाख बैरल की कटौती करने का फैसला किया। हालांकि, कई देश पहले से ही अपने कोटा से काफी कम उत्पादन कर रहे हैं। सीधे शब्दों में कहें, तो वे उत्पादन में कटौती किए बिना पहले से ही ओपेक+ की नई सीमाओं का पालन करेंगे। समूह के उत्पादन लक्ष्य में एक दिन में 20 लाख बैरल की कटौती को पाने के लिए केवल आठ देशों को ही अपने वास्तविक उत्पादन को घटाने की आवश्यकता होगी। हालांकि, इससे भी 8,80,000 बैरल प्रति दिन की वास्तविक कमी आ आएगी।