‘PNB घोटाले से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के संकट में फंसने की बातें महज अफवाह’

Edited By Supreet Kaur,Updated: 09 Apr, 2018 04:23 PM

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बंबई शेयर बाजार (बीएसई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशीष चौहान का कहना है कि पंजाब नेशनल बैंक के कर्ज घोटाले के संदर्भ में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के संकट में फंसने की बातें ‘अफवाह फैलाने’ से ज्यादा कुछ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत का बैंकिंग...

वाशिंगटनः बंबई शेयर बाजार (बीएसई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशीष चौहान का कहना है कि पंजाब नेशनल बैंक के कर्ज घोटाले के संदर्भ में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के संकट में फंसने की बातें ‘अफवाह फैलाने’ से ज्यादा कुछ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र ‘ठोस’ है और नीरव मोदी मामले में फंसी बैंकों की राशि इस क्षेत्र की महज तीन दिन की ब्याज की कमाई के बराबर है।

नीरव-मेहुल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
गौरतलब है कि आभूषण कारोबारी नीरव मोदी, उसके मामा मेहुल चोकसी और उसकी कंपनियों ने पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई की एक शाखा से आयात के संबंध में जारी फर्जी गारंटी पत्रों के आधार पर बैंकों से 13,000 करोड़ रुपए के कर्ज की धोखाधड़ी की है। इस मामले में उनके खिलाफ कानूनी कारवाई चल रही है। सीबीआई मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने नीरव व मेहुल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। दोनों भारत से भाग चुके हैं। बीएसई के मुख्य कार्यपालक चौहान कल अमेरिका के मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलाजी के वार्षिक सम्मेलन में विद्यार्थियों की एक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र काफी मजबूत
उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र काफी मजबूत और अच्छी तरह से विनियमित है। उन्हेांने कहा कि पीएनबी में घोटाले की जिस राशि की बात की जा रही है वह देश के बैंकिंग क्षेत्र की केवल तीन दिन की ब्याज आय के बराबर है। लेकिन उन्होंने माना की यदि 1992 के हर्षद मेहता बैंक घोटाले के बाद भारतीय बैंकिंग व्यवस्था और रिजर्व बैंक में उचित सुधार किए गए होते तो ये घोटाले नहीं होते। उन्होंने कहा, ‘हमें बैंकों में 1992 में ही सुधार कर लेने चाहिए थे। यदि उस समय सुधार कर लिए गए होते तो यह (नीरव मोदी घोटाला) नहीं होता।’

बैंकों में ऐसे मामले आम बात
चौहान ने कहा, ‘हमारी आंख अब खुल गई है और हम अच्छे काम कर रहे हैं। इनमें से एक नोटबंदी है, एक जीएसटी तथा तीसरा दिवाला संहिता। उन्होंने कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र एक करोड़ रुपए का है। ‘भारत में बैंक कर्ज लेने वालों से 12 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलते हैं और जो लोग बैंकों को पैसा देते हैं उन्हें हम चार प्रतिशत की दर से ब्याज देते है। इस तरह मूल रूप से हमारे बैंक आठ प्रतिशत लाभ कमाते हैं।’ बीएसई प्रमुख ने कहा, ‘इस तरह एक करोड़ करोड़ रुपए पर आप साल में 12 प्रतिशत की दर से कितना पाते हैं? 12 लाख करोड़ रुपए। एक महीने में आप को कितना मिलता है? एक लाख करोड़ रुपए। तीन दिन में आप कितना पाते हैं? 10,000 करोड़ रुपए। पीएनबी घोटाला कितने का है? यह तीन दिन की ब्याज आय के बराबर है।’’ उन्होंने कहा कि बैंकों में ऐसी बात होती रहती है। यह कारोबार का मामला है। बैंक जब आठ प्रतिशत मार्जिन लेकर चल रहे होते हैं तो व मान कर चलते हैं 12 में से एक व्यक्ति समय से ऋण नहीं चुका पाएगा। चूक होने पर भी उनकी हालत ठीक रहेगी। क्यों कि कर्जदारों से मूल धन वापस मिल जाएगा।

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