राजन के पद से हटने, नोटबंदी से सुर्खियों में रहा RBI

Edited By ,Updated: 29 Dec, 2016 07:01 PM

rbi was in the spotlight in this year

मुखर व्यक्तित्व के धनी पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को सेवा विस्तार नहीं मिलने और उसके जाने के बाद ‘नोटबंदी’ को लेकर रिजर्व बैंक इस साल सुर्खियों में रहा।

नई दिल्ली: मुखर व्यक्तित्व के धनी पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को सेवा विस्तार नहीं मिलने और उसके जाने के बाद ‘नोटबंदी’ को लेकर रिजर्व बैंक इस साल सुर्खियों में रहा। नोटबंदी को लेकर काफी विवाद भी हुए जिसका असर अगले साल भी दिखना तय है।

राजन की जगह ली उर्जित पटेल ने
राजन की जगह सितंबर में उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक के गवर्नर बनाया गया। जबकि 8 नवंबर को बड़े मूल्य के पुराने नोटों का चलन खत्म करने की सरकार की घोषणा के बाद 500 का हल्के भूरे रंग का और 2,000 रुपए का चटख गुलाबी रंग का नया नोट प्रचलन में डाला गया। नोटबंदी में 1,000 रुपए के मूल्य का नोट अब चलन में नहीं रह गया है। सितंबर में समाप्त केंद्रीय बैंक में अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान राजन ने राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक मुद्दों समेत लगभग सभी मुद्दों पर टिप्पणी कर कई विवादों को जन्म दिया। इसके विपरीत उनके उत्तराधिकारी पटेल की इस बात को लेकर आलोचना की जाती है, वे अधिक शांत रहते हैं। कुछ अधिक मुखर राजन के साथ तुलना में पटेल की कम बोलने की विशेषता शुरू में उनके पक्ष में गई थी।

नोटबंदी को बताया ‘जीवन में एक बार’ घटने वाली घटना
हालांकि पटेल ने पहली बार दिए साक्षात्कार में उस समय जोरदार तरीके से अपनी बातें रखी जब उन्होंने कहा कि नोटबंदी ‘जीवन में एक बार’ घटने वाली घटना है और वह उन नागरिकों की वास्तविक समस्याओं के समाधान के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं जो ईमानदार हैं तथा फैसले से प्रभावित हुए हैं। जहां राजन को विशेष रूप से कालाधन के खिलाफ कार्रवाई के लिए नोटबंदी के कदम के विरूद्ध माना जाता था वहीं पटेल ने लोगों से डेबिट कार्ड तथा डिजिटल वालेट जैसे नकदी के विकल्पों का उपयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे लेन-देन सस्ता और आसान होगा तथा दीर्घकाल में भारत को विकसित देशों के अनुरूप कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।

इतने पुराने नोट बैंक में आए वापिस
अभी तक इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है कि जो नोट बंद किए गए हैं, वे आखिर कितने थे लेकिन अबतक जो अनुमान आए हैं, उससे लगता है कि यह 14.4 लाख करोड़ रुपए से लेकर 20 लाख करोड़ रुपए तक है। पुराने नोटों को वाणिज्यिक बैंकों में जमा करने की मियाद इस सप्ताह समाप्त हो रही है। चर्चित अमूल के कार्टून में आरबीआई को ‘रिवर्स बैंक आफ इंडिया’ कहकर मजाक उड़ाया गया है। यह आठ नवंबर को घोषित नोटबंदी के बाद 60 से अधिक परिपत्र जारी करने और कुछ को जारी कर वापस लेने के संदर्भ में है।  मौद्रिक नीति मोर्चे पर मुद्रास्फीति के 4.0 प्रतिशत के नीचे आने से हाल में गठित मौद्रिक नीति समिति के लिये नीतियों के मोर्च पर कदम उठाने में थोड़ी आसानी हुई है।

ब्याज दर की गणना के लिए बनाई नई व्यवस्था  
रिजर्व बैंक अबतक प्रमुख नीतिगत दर में 1.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है और बार-बार जोरदार तरीके यह भी कहता रहा कि बैंक उसका पूरा लाभ ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं। बैंकों द्वारा ब्याज दर में अपेक्षित कटौती नहीं किए जाने से रिजर्व बैंक ने ब्याज दर की गणना के लिए नई व्यवस्था बनाई जिसे सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) कहा गया। इसे एक अप्रैल से लागू किया गया। बैंकों ने अबतक ग्राहकों को केवल 0.70 प्रतिशत तक की ही लाभ दिया। इतना नहीं मौजूदा ग्राहक अधिक ब्याज दर दे रहे हैं।

मनी लांड्रिंग में फंसे कई बड़े अधिकारी
इस बीच, नोट निकासी पर सीमा के साथ कुछ बैंक अधिकारियों के अवैध तरीके से पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने को लेकर गिरफ्तार किए जाने से कालाधन से निपटने के लिए उठाए गए कदम की प्रभावित पर संदेह उत्पन्न हुआ है। सिर्फ बैंकों के अधिकारी ही नहीं बल्कि रिजर्व बैंक के भी कुछ कनिष्ठ अधिकारी मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार हुए हैं। उन्हें निलंबित कर दिया गया है और इस मामले में जांच चल रही है। दूसरी समस्याओं को देखा जाए तो क्षेत्र के लिए 2016 में एनपीए एक बड़ी समस्या बनी रही जिससे बैंक का लाभ का प्रभावित हो रहा है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!