Edited By ,Updated: 30 Dec, 2016 11:09 AM
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस जियो को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा नोटिस भेजा गया था जिसमें मुफ्त ऑफर को लेकर सवाल किया गया था।
नई दिल्लीः मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस जियो को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा नोटिस भेजा गया था जिसमें मुफ्त ऑफर को लेकर सवाल किया गया था। कल कंपनी ने उस नोटिस का जवाब दे दिया है जिसमें जियो की तरफ से कहा गया है कि उसकी ताजा वॉयस और डेटा पेशकश मौजूदा नियमों का उल्लंघन नहीं करती हैं।
यह पूछा गया था ट्राई द्वारा
जानकारी के अनुसार रिलायंस जियो को ट्राई द्वारा पूछा गया था कि जियो का 'हैपी न्यू इयर' ऑफर कंपनी के वेलकम ऑफर से किस तरह अलग है और ऑफर को मार्च तक करना क्यों न मौजूदा नियमनों का उल्लंघन माना जाए। इन नियमनों के मुताबिक प्रचार के लिए किसी तरह की पेशकश की अवधि 90 दिन की हो सकती है। रिलायंस जियो की यह अवधि 4 दिसंबर को खत्म हो गई थी, जिसके बाद कंपनी ने नया “हैपी न्यू इयर” ऑफर शुरू कर दिया था।
बाजार बिगाड़ने वाला नहीं है यह ऑफर
इस ऑफर के तहत जियो ने अपनी मुफ्त कॉल और डेटा पेशकश की अवधि बढ़ाकर 31 मार्च, 2017 तक कर दी थी। ट्राई ने जियो से इसी पर स्पष्टीकरण मांगा था। जियो ने ट्राई को अपनी हैपी न्यू इयर पेशकश के बारे में विस्तार से नोट भेजा है। इसमें बताया गया है कि उसकी यह पेशकश शुरुआती पेशकश से कैसे अलग है और यह बाजार बिगाड़ने वाली नहीं है।
इसीलिए अलग हैं एक-दूसरे से दोंनो ऑफर
मामले पर नजर रखने वाले सूत्रों ने कहा है कि जियो ने कहा है कि हालिया ऑफर इसलिए अलग है क्योंकि पिछले ऑफर के तहत जहां रोजाना 4जीबी मुफ्त डेटा दिया जा रहा था वहीं इस ऑफर के तहत सिर्फ एक जीबी डेटा ही दिया जा रहा है। डेटा लिमिट इससे पार होते ही इंटरनेट स्पीड 4जी से घटकर 128Kbps की हो जाती है। वहीं, 'हैपी न्यू इयर' ऑफर में कंपनी ने इस लिमिट को 1 जीबी का रखा है। यानि एक दिन में 1 जीबी डेटा से ज्यादा इस्तेमाल करते ही स्पीड 128Kbps की हो जाएगी।