Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Nov, 2020 10:22 AM
रिजर्व बैंक के बोर्ड के सदस्य मनीष सभरवाल ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय बैंक द्वारा लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के सिंगापुर के डीबीएस बैंक की भारतीय इकाई के साथ विलय के प्रस्ताव की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के तहत निजी क्षेत्र
मुंबईः रिजर्व बैंक के बोर्ड के सदस्य मनीष सभरवाल ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय बैंक द्वारा लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के सिंगापुर के डीबीएस बैंक की भारतीय इकाई के साथ विलय के प्रस्ताव की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के तहत निजी क्षेत्र की एक इकाई को निजी क्षेत्र का एक अन्य खिलाड़ी बचा रहा है। सरकार ने मंगलवार को लक्ष्मी विलास बैंक पर कई तरह के अंकुश लगाने की घोषणा की थी। इसके तहत बैंक से प्रति ग्राहक निकासी की सीमा 25,000 रुपए तय की गई है। इसके साथ-साथ लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया में विलय की योजना की भी घोषणा की गई है।
सभरवाल ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने शानदार काम किया है। यह एक अच्छा नया कदम है। इसमें निजी क्षेत्र के संकट को निजी क्षेत्र की मदद से ही सुलझाया जा रहा है।'' सभरवाल ने एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि यह कदम दर्शाता है कि रिजर्व बैंक नवप्रवर्तन कर रहा है। सभरवाल टीमलीज सर्विसेज के चेयरमैन एवं सह-संस्थापक हैं।