रिजर्व बैंक के ब्याज दर पर निर्णय, वैश्विक रुख से तय होगी बाजार की दिशा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Oct, 2023 12:18 PM

reserve bank s decision on interest rate market direction

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समीक्षा बैठक, वृहद आर्थिक आंकड़े, वैश्विक रुझान और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। सोमवार दो अक्टूबर को ‘गांधी जयंती' के अवसर पर...

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समीक्षा बैठक, वृहद आर्थिक आंकड़े, वैश्विक रुझान और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। सोमवार दो अक्टूबर को ‘गांधी जयंती' के अवसर पर बाजार बंद रहेंगे। कोटक सिक्योरिटीज लि. के खुदरा शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘जहां वैश्विक संकेतक बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे, वहीं शुक्रवार को आने वाली रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा पर सभी का खास ध्यान रहेगा। हालांकि, बाजार ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति की उम्मीद कर रहा है लेकिन डॉलर सूचकांक की मजबूती और बॉन्ड पर प्रतिफल के अलावा कच्चे तेल के दाम निवेशकों की चिंता का विषय बने हुए हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, सितंबर में भारत सहित उभरते बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की सतत बिकवाली ने बाजार को प्रभावित किया है।''

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, ‘‘बाजार रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक पर बारीकी से नजर रखेगा। तीन दिन की यह बैठक चार अक्टूबर को शुरू होगी। बैठक के नतीजों की घोषणा छह अक्टूबर को की जाएगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘बाजार भागीदारों की नजर डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का रुख भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।'' इस सप्ताह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़े आने हैं। इसके अलावा वाहन कंपनियों के मासिक बिक्री आंकड़ों की भी घोषणा होगी। 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सितंबर में लगातार बिकवाल बने रहे।'' उन्होंने कहा कि डॉलर के लगातार मजबूत रहने से एफपीआई ने भारतीय बाजार में बिकवाली की। डॉलर सूचकांक बढ़कर 107 के करीब पहुंच गया है। इसके अलावा अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल भी लगातार बढ़ रहा है। 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल 4.7 प्रतिशत हो गया है। कच्चे तेल का दाम 97 डॉलर प्रति बैरल के पास है। इन सब कारकों ने भी एफपीआई की बिकवाली को बढ़ावा दिया है। 

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 180.74 अंक या 0.27 प्रतिशत नीचे आया। वहीं निफ्टी में 35.95 अंक या 0.18 प्रतिशत का नुकसान रहा। मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘बाजार कुछ प्रमुख घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़ों से दिशा लेगा। इस सप्ताह विभिन्न देशों के एसएंडपी वैश्विक विनिर्माण और सेवा पीएमआई आंकड़े आने हैं। इसके अलावा ओपेक की बैठक भी है। अमेरिका के कारखाना ऑर्डर और बेरोजगारी दावों के आंकड़े भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। घरेलू मोर्चे पर आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक और वाहन कंपनियों के मासिक बिक्री आंकड़े बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।'' 

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