Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jan, 2024 01:00 PM
सऊदी अरब को पछाड़कर रूस चीन का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर बन गया है। चीन दुनिया में तेल का सबसे बड़ा आयातक है। पिछले साल उसने रूस से रिकॉर्ड 10.7 करोड़ टन क्रूड खरीदा जो 2022 की तुलना में एक चौथाई ज्यादा है। चीन ने पिछले साल सऊदी अरब से 8.6 करोड़ टन...
बिजनेस डेस्कः सऊदी अरब को पछाड़कर रूस चीन का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर बन गया है। चीन दुनिया में तेल का सबसे बड़ा आयातक है। पिछले साल उसने रूस से रिकॉर्ड 10.7 करोड़ टन क्रूड खरीदा जो 2022 की तुलना में एक चौथाई ज्यादा है। चीन ने पिछले साल सऊदी अरब से 8.6 करोड़ टन क्रूड की खरीदारी की। 2018 के बाद यह पहला मौका है जब रूस चीन का सबसे बड़ा ऑयल सप्लायर बना है। पिछले साल उसने रूस से रोजाना 21.5 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा। जहां तक भारत का सवाल है तो हमने पिछले साल रूस से रोजाना 17.9 लाख बैरल क्रूड खरीदा। यह 2022 के मुकाबले करीब दोगुना है।
पश्चिमी देशों ने रूस के तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल का प्राइस कैप लगा रखा है लेकिन चीन की कंपनियां इससे कहीं ऊंची कीमत पर रूस से तेल खरीद रही हैं। इसकी वजह यह है कि चीन के लिए इस तेल को लाना सस्ता पड़ रहा है। इसका शिपिंग रूट काफी छोटा है। इसकी तुलना में सऊदी अरब का तेल चीन को महंगा पड़ रहा है जबकि ईरान के साथ हाल में उसका विवाद हुआ है। यही वजह है कि रूसी तेल की डिमांड बढ़ी है। पिछले साल चीन ने रूस से 60.6 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा। इसकी एवरेज कीमत 77 डॉलर प्रति बैरल रही।
चीन के सप्लायर
पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक चीन को तेल सप्लाई करने के मामले में इराक तीसरे और मलेशिया चौथे नंबर पर रहा। चीन के सरकारी आंकड़ों में ईरान से आयात किए जाने वाले तेल को साउथईस्ट एशियाई देश से आने वाले क्रूड के रूप में दिखाया जाता है। चीन को पिछले साल फ्यूल ऑयल के मामले में भी रूस सबसे बड़ा सप्लायर रहा। उसने चीन को 96 लाख टन फ्यूल ऑयल बेचा। मलेशिया 69.3 लाख टन के साथ दूसरे नंबर पर रहा। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी है लेकिन वह अपनी जरूरत का अधिकांश तेल आयात करता है। यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस से तेल का आयात रोक दिया था। इसके बाद से रूस चीन और भारत को जमकर तेल बेच रहा है।