Edited By vasudha,Updated: 09 Feb, 2020 10:53 AM
माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने में डेटा विश्लेषण और कृत्रिम मेधा के उपयोग से बड़ी मदद मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि जीएसटी संग्रह में सुधार के लिए सरकार ने ऐसे कई कदम उठाए हैं जिनसे व्यवस्था...
बिजनेस डेस्क: माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने में डेटा विश्लेषण और कृत्रिम मेधा के उपयोग से बड़ी मदद मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि जीएसटी संग्रह में सुधार के लिए सरकार ने ऐसे कई कदम उठाए हैं जिनसे व्यवस्था की खामियों को दूर करने के साथ-साथ उसके दुष्प्रयोग से बचाव किया जा सके।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले तीन माह के दौरान जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है। वह यहां बजट 2020-21 पर हितधारकों के साथ चर्चा के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठकों में राज्य के वित्त मंत्रियों ने जीएसटी व्यवस्था की कई खामियां उजागर की थीं। इससे सरकार का राजस्व संग्रह प्रभावित हो रहा था।
सीतारमण ने कहा कि इन खामियों को दूर करने और व्यवस्था के दुरुपयोग को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए। इसे समझाते हुए राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि डेटा विश्लेषण और कृत्रिम मेधा के उपयोग से जीएसटी संग्रह बेहतर करने में मदद मिली है।