Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Mar, 2024 04:16 PM
अमेरिका की एसेट मैनेजर बैरन कैपिटल ग्रुप ने आईपीओ-बाउंड फूड-डिलीवरी ऐप स्विगी के फेयर वैल्यू में वृद्धि की है, जिसके बाद 2022 में इसका मूल्यांकन 10.7 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन से 13% बढ़कर 12.16 बिलियन डॉलर हो गया है। अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग...
नई दिल्लीः अमेरिका की एसेट मैनेजर बैरन कैपिटल ग्रुप ने आईपीओ-बाउंड फूड-डिलीवरी ऐप स्विगी के फेयर वैल्यू में वृद्धि की है, जिसके बाद 2022 में इसका मूल्यांकन 10.7 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन से 13% बढ़कर 12.16 बिलियन डॉलर हो गया है। अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग की फाइलिंग में इसकी जानकारी मिली है। अमेरिका स्थित एसेट मैनेजर ने पहले जनवरी 2022 में 700 मिलियन डॉलर के फंडिंग राउंड के दौरान स्विगी में निवेश किया था।
31 दिसंबर तक, एसेट मैनेजर के फंड के पास स्विगी की मूल कंपनी बंडल टेक्नोलॉजीज में $87.2 मिलियन की हिस्सेदारी थी, जो $74.4 मिलियन से 17% अधिक थी। 2022 में, स्विगी ने इनवेस्को के नेतृत्व में अपने सीरीज़ K राउंड में $700 मिलियन जुटाए। इस दौर में इसका मूल्यांकन दोगुना होकर 10.7 बिलियन डॉलर हो गया। 2023 में जुलाई-सितंबर तिमाही में इनवेस्को ने स्विगी का वैल्यूएशन बढ़ाकर 7.85 अरब डॉलर कर दिया।
एक अलग फाइलिंग में, बैरन कैपिटल ने कहा कि स्विगी भारतीय फूड डिस्ट्रीब्यूशन एरिया में लगभग 45% बाजार हिस्सेदारी रखती है। बेंगलूरु की यह कंपनी इसी साल शेयर बाजार में कदम रखना चाहती है और आईपीओ के जरिये 1 अरब डॉलर जुटाने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दरख्वास्त डालेगी। कंपनी का इरादा आईपीओ में 10-11 अरब डॉलर का मूल्यांकन हासिल करने का है।
स्विगी ने आईपीओ की योजना पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। मगर मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि पिछले चरणों में जुटाई गई रकम में से कंपनी के पास तकरीबन 80 करोड़ डॉलर की नकदी रखी हुई है। आईपीओ से पहले स्विगी ने मुनाफे में आने की कोशिशें भी बढ़ा दी हैं। आईपीओ से पहले ज्यादा दुरुस्त बनने के लिए स्विगी 350 से 400 कर्मचारियों की छंटनी के बारे में भी सोच रही है। कंपनी के कर्मचारियों की संख्या करीब 6,000 है।
पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व 45 फीसदी बढ़कर 8,625 करोड़ रुपए हो गया था। मगर उसका शुद्ध घाटा भी बढ़कर 4,179 करोड़ रुपए तक चला गया था। उससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में कंपनी का राजस्व 5,705 करोड़ रुपए और शुद्ध घाटा 3,629 करोड़ रुपए था।