Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jul, 2025 05:38 PM

टाटा स्टील के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि उन्हें भरोसा है कि वह ब्रिटेन और नीदरलैंड में हरित इस्पात विनिर्माण की दिशा में बदलाव को तय समय में पूरा कर लेंगे। उन्होंने कंपनी की 118वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों को संबोधित...
नई दिल्लीः टाटा स्टील के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि उन्हें भरोसा है कि वह ब्रिटेन और नीदरलैंड में हरित इस्पात विनिर्माण की दिशा में बदलाव को तय समय में पूरा कर लेंगे। उन्होंने कंपनी की 118वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए यह बात कही। चंद्रशेखरन ने कहा, “...हमें पूरा भरोसा है कि अगले कुछ वर्षों में ब्रिटेन और नीदरलैंड में हरित इस्पात विनिर्माण का कार्य हमारी योजनाओं के अनुसार होगा।”
ब्रिटेन में, कंपनी ने पोर्ट टैलबोट में दो ब्लास्ट फर्नेस को बंद करने के साथ कम उत्सर्जन वाले इस्पात विनिर्माण की दिशा में प्रगति की है, जिससे वित्त वर्ष 2027-28 तक अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस-आधारित इस्पात विनिर्माण में बदलाव का मार्ग प्रशस्त होगा। इसे ब्रिटेन सरकार के 50 करोड़ पाउंड के वित्तपोषण से समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि नीदरलैंड में कंपनी कार्बन उत्सर्जन शून्य करने की “अपनी योजना पर वित्तीय और नीति-स्तरीय समर्थन के लिए सरकार के साथ चर्चा कर रही है।
टाटा स्टील ने एक लागत बदलाव कार्यक्रम भी शुरू किया है, जिसका लक्ष्य चालू वित्त वर्ष (2025-26) में 50 करोड़ यूरो की बचत करना है। इन प्रयासों का उद्देश्य टाटा स्टील नीदरलैंड को यूरोप के सबसे कुशल और पर्यावरण अनुकूल इस्पात विनिर्माताओं में से एक के रूप में स्थापित करना है।” भारत स्थित टाटा स्टील, साउथ वेल्स के पोर्ट टैलबोट में 30 लाख टन सालाना क्षमता वाली ब्रिटेन के सबसे बड़े इस्पात कारखाने की मालिक है। कार्बन उत्सर्जन को कम करने के अपने प्रयासों के तहत, कंपनी ब्लास्ट फर्नेस मार्ग से कम उत्सर्जन वाली इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस प्रक्रिया में बदलाव कर रही है।