टॉप IT कंपनियों का सरकार से 137 अरब रुपए का टैक्स विवाद

Edited By Supreet Kaur,Updated: 04 Jul, 2018 10:27 AM

tax dispute worth rs 137 billion of top it companies

टाटा कंसल्टंसी सर्विसेज, कॉग्निजेंट, इन्फोसिस और विप्रो का देश में करीब 137 अरब रुपए के पेंडिंग टैक्स को लेकर विवाद चल रहा है। ज्यादातर विवाद एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स के लिए इंसेंटिव के कैलकुलेशन और डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को लेकर है।...

बिजनेस डेस्कः टाटा कंसल्टंसी सर्विसेज, कॉग्निजेंट, इन्फोसिस और विप्रो का देश में करीब 137 अरब रुपए के पेंडिंग टैक्स को लेकर विवाद चल रहा है। ज्यादातर विवाद एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स के लिए इंसेंटिव के कैलकुलेशन और डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को लेकर है। टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो ने सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) और स्पेशल इकनॉमिक जोन (सेज) के तहत जिन इंसेंटिव्स का दावा किया था, वे उसे लेकर यह केस लड़ रही हैं।

कॉग्निजेंट का विवाद इस बात को लेकर है कि वह पैरंट कंपनी को जो मुनाफा देती है, उस पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स का कैलकुलेशन किस तरह से किया जाता है। विप्रो का पहला टैक्स विवाद 30 साल पहले वित्त वर्ष 1985-1986 का है। कंपनी की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक वह 1,900 करोड़ रुपए के टैक्स विवाद में फंसी है।

देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विसेज कंपनी टीसीएस का अथॉरिटीज के साथ 5,600 करोड़ रुपए को लेकर टैक्स विवाद चल रहा है जो वित्त वर्ष 2017 के मुकाबले दोगुना है। वित्त वर्ष 2017 में कंपनी का 2,690 करोड़ रुपए को लेकर ऐसा विवाद चला था। टीसीएस ने अगले पहली तिमाही के नतीजों के ऐलान से पहले के साइलेंट पीरियड का हवाला देकर अपनी टैक्स देनदारी में आई उछाल के बारे में कॉमेंट करने से इनकार कर दिया। लगभग 3,500 करोड़ रुपए के टैक्स विवादों में फंसा इन्फोसिस ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। 
 

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