Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Oct, 2025 12:58 PM

देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) पर पुणे में लगभग 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने का आरोप लगा है। यह दावा आईटी कर्मचारियों के संगठन NITES ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे...
बिजनेस डेस्कः देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) पर पुणे में लगभग 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने का आरोप लगा है। यह दावा आईटी कर्मचारियों के संगठन NITES ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में किया है। संगठन का कहना है कि कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार को समय रहते हस्तक्षेप करना चाहिए।
NITES के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा के अनुसार, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने महाराष्ट्र के श्रम सचिव को इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। लेकिन संगठन का कहना है कि पुणे में पिछले कुछ हफ्तों में हजारों कर्मचारियों को अचानक नौकरी से हटाया गया या इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।
TCS ने क्या कहा?
इस पर TCS ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सूचना गलत और भ्रामक है। कंपनी का कहना है कि हाल ही में लागू की गई कौशल पुनर्गठन पहल के तहत केवल सीमित संख्या में ही कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। TCS ने यह भी कहा कि प्रभावित कर्मचारियों को उचित सेवामुक्ति भत्ता और देखभाल दी गई है। जून में कंपनी ने वैश्विक स्तर पर लगभग 12,261 कर्मचारियों की छंटनी की थी, जिनमें ज्यादातर मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारी शामिल थे।
NITES ने आरोप लगाया है कि TCS की यह कार्रवाई औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 का उल्लंघन है, क्योंकि सरकार को वैध सूचना नहीं दी गई और कर्मचारियों को दबाव में ‘स्वैच्छिक इस्तीफा’ देने के लिए मजबूर किया गया। संगठन ने महाराष्ट्र सरकार से प्रभावित परिवारों की मदद करने और श्रम विभाग को तत्काल जांच के निर्देश देने की मांग की है।
NITES का कहना है कि प्रभावित कर्मचारी केवल संख्याएं नहीं हैं, बल्कि वे परिवारों की रीढ़ हैं। कई मिड से सीनियर लेवल के कर्मचारी हैं जिन्होंने कंपनी को 10-20 साल सेवा दी है और जिन पर वित्तीय जिम्मेदारियां और परिवार का बोझ है। वर्तमान प्रतिस्पर्धी माहौल में उनके लिए वैकल्पिक रोजगार ढूंढना बेहद कठिन है।