Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Nov, 2025 02:56 PM

विमान विनिर्माता कंपनी एयरबस ने शनिवार को कहा कि अगले 20 वर्षों में एशिया प्रशांत क्षेत्र को 19,560 नए विमानों की जरूरत होगी, जो मुख्य रूप से भारत और चीन की मांग से प्रेरित है। एयरबस ने कहा कि यह मांग 20 वर्षों में 42,520 नए विमानों की वैश्विक...
बैंकॉकः विमान विनिर्माता कंपनी एयरबस ने शनिवार को कहा कि अगले 20 वर्षों में एशिया प्रशांत क्षेत्र को 19,560 नए विमानों की जरूरत होगी, जो मुख्य रूप से भारत और चीन की मांग से प्रेरित है। एयरबस ने कहा कि यह मांग 20 वर्षों में 42,520 नए विमानों की वैश्विक आवश्यकता का 46 प्रतिशत है। एयरबस एशिया प्रशांत के अध्यक्ष आनंद स्टेनली ने कहा कि इस वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा भारत और चीन से आएगा। विमान यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 4.4 प्रतिशत की वार्षिक यात्री वृद्धि की उम्मीद है, जो वैश्विक औसत 3.6 प्रतिशत से अधिक होगा।
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में शामिल है, और मांग को पूरा करने के लिए एयरलाइनों ने अपने बेड़े का विस्तार करते हुए काफी बड़े ऑर्डर दिए हैं। बैंकॉक में एसोसिएशन ऑफ एशिया-पैसिफिक एयरलाइंस (एएपीए) के अध्यक्षों की वार्षिक सभा के दौरान एयरबस ने कहा कि अगले 20 वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 3,500 बड़े आकार के विमानों की जरूरत होगी। यह बड़े आकार के विमान श्रेणियों में वैश्विक मांग का 43 प्रतिशत है।
पूर्वानुमान के अनुसार एशिया प्रशांत क्षेत्र को लगभग 16,100 छोटे विमानों की आवश्यकता होगी, जो इस श्रेणी में वैश्विक मांग का 47 प्रतिशत है। इसमें यह भी बताया गया कि लगभग 68 प्रतिशत विमानों की आपूर्ति बेड़े के विस्तार के लिए होगी, जबकि 32 प्रतिशत पुराने विमानों की जगह लेंगे।