Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Aug, 2025 12:37 PM

अहमदाबाद में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने आरटीआई आवेदन के लिए 30 रुपए फीस दी थी लेकिन नोट खराब मानकर सरकार ने उन्हें वापस कर दिया। हैरानी की बात यह है कि 30 रुपए लौटाने में सरकार को 44 रुपए डाक खर्च करना पड़ा।
बिजनेस डेस्कः अहमदाबाद में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने आरटीआई आवेदन के लिए 30 रुपए फीस दी थी लेकिन नोट खराब मानकर सरकार ने उन्हें वापस कर दिया। हैरानी की बात यह है कि 30 रुपए लौटाने में सरकार को 44 रुपए डाक खर्च करना पड़ा।
कालूपुर निवासी पंकज भट्ट ने 29 मार्च को आरटीआई दाखिल की थी और इसके लिए 20 और 10 रुपए के नोट दिए थे। पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर ने इन्हें अनुपयोगी मानते हुए वापस करने का फैसला किया। 1 अगस्त को यह राशि रजिस्टर्ड पोस्ट से लौटाई गई, जिस पर दो 20 रुपए और एक 4 रुपए का टिकट लगा था।
क्या कहता है RBI का नियम?
आरबीआई के नोट रिफंड नियम, 2009 के मुताबिक, अगर कोई नोट खराब या अनुपयोगी है, तो उसे वापस नहीं करना चाहिए। नियम 11 में साफ लिखा है कि ऐसे नोटों को आरबीआई कार्यालय में रखा जाता है और बाद में नष्ट कर दिया जाता है या दूसरी तरह से निपटारा होता है।
भट्ट का कहना है कि इस घटना से पता चलता है कि सरकारी प्रोसेस को और आसान करने की जरूरत है। 30 रुपए जैसे छोटे अमाउंट को लौटाने के लिए 44 रुपए खर्च करना समझ से परे है। ये न सिर्फ पैसे की बर्बादी है, बल्कि ये भी दिखाता है कि छोटे-मोटे कामों में कितना समय और संसाधन लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रोसेस को सरल करना चाहिए ताकि जनता का पैसा और समय बचे।
भट्ट का कहना है कि छोटी राशि लौटाने में अधिक खर्च करना सरकारी सिस्टम की खामियों को उजागर करता है।