Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Mar, 2018 12:36 PM
आयकर विभाग ने अमेरिका की दिग्गज आईटी कंपनी कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सोल्यूशन्स (सीटीएस) के कई बैंक अकाउंट को सीज कर दिया है। कंपनी पर लाभांश वितरण कर (डीडीटी) नहीं चुकाने का आरोप है। इस मामले की पुष्टी आयकर विभाग के उच्च पदाधिकारी ने की है।
नई दिल्लीः आयकर विभाग ने अमेरिका की दिग्गज आईटी कंपनी कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सोल्यूशन्स (सीटीएस) के कई बैंक अकाउंट को सीज कर दिया है। कंपनी पर लाभांश वितरण कर (डीडीटी) नहीं चुकाने का आरोप है। इस मामले की पुष्टी आयकर विभाग के उच्च पदाधिकारी ने की है।
इसलिए उठाया कदम
आयकर विभाग नियमों के अनुसार हर उस कंपनी को डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स सरकार को देना होता है, अगर उसने पूंजी में कमी करने से किसी प्रकार का लाभ कमाया है। कॉग्निजेंट को 2016-17 में 2500 करोड़ रुपए का ऐसे टैक्स भरना था, जो उसने अभी तक जमा नहीं किया है।
क्या है पूरा मामला
आयकर विभाग ने जनवरी में कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस कॉरपोरेशन और समूह की मॉरिशस इकाई को नोटिस भेजा था। विभाग का कहना था कि कॉग्निजेंट ने सही टैक्स का भुगतान किए बिना अपनी भारतीय कंपनी से मुनाफे को ट्रांसफर किया। इस रकम का ट्रांसफर 2013 में अधिक कीमत पर भारतीय सहायक इकाई द्वारा शेयरों के पुनर्खरीद के जरिए किया गया। विभाग का कहना है कि अमेरिकी कंपनी ने 2016 में भी एक व्यवस्था के जरिए रकम को ट्रांसफर किया।
6000 कर्मचारियों पर लटकी तलवार
कॉग्निजेंट से करीब 6000 भारतीय कर्मचारियों को निकाले जाने की संभावना है ये बात दुनियाभर में आग की तरह फैल चुकी है। कहा जा रहा है वर्तमान मूल्यांकन प्रक्रिया में लगभग 6000 भारतीय कर्मचारियों को निकाला जा सकता है। इसके अलावा अधिक से अधिक अमेरिकी पेशेवरों को नौकरी दी जाएगी।
चेन्नई के आईटी प्रोफेशनल्स ने इससे निपटने के लिए कानूनी विकल्प तलाशने शुरू कर दिए हैं और राज्य श्रम विभाग के साथ सुलह प्रक्रिया की तैयारी में जुट गए हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार अप्रेजल चक्र के दौरान कॉग्निजेंट कर्मचारियों की इच्छा के बिना उन्हें नौकरी से निकाल सकती है।
इसके लिए फोरम फॉर आईटी एमप्लाईज ने सहायक श्रम आयुक्त और राज्य श्रम आयुक्त को निवेदन भेज दिया है। उन्होंने कॉग्निजेंट द्वारा कर्मचारियों के निकाले जाने को अवैध निष्कासन बताया है।