Edited By Supreet Kaur,Updated: 12 Nov, 2019 10:25 AM
एविवा लाइफ इंश्योरैंस कंपनी पर दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा है। नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने एविवा लाइफ इंश्योरैंस कंपनी इंडिया लिमिटेड के खिलाफ दिवालियापन की कार्रवाई शुरू करने के संबंध में एक याचिका को स्वीकार कर लिया है। एविवा के खि....
नई दिल्लीः एविवा लाइफ इंश्योरैंस कंपनी पर दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा है। नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने एविवा लाइफ इंश्योरैंस कंपनी इंडिया लिमिटेड के खिलाफ दिवालियापन की कार्रवाई शुरू करने के संबंध में एक याचिका को स्वीकार कर लिया है। एविवा के खिलाफ यह याचिका एपीजे ट्रस्ट ने दायर की थी।
कंपनी पर लाखों रुपए का कर्ज
याचिका स्वीकार होने के बाद ट्रिब्यूनल की दिल्ली ब्रांच ने कॉर्पोरेट इन्सॉल्वैंसी रैजोलूशन प्रोसैस (सी.आई.आर.पी.) शुरू करने का आदेश दिया। मालूम हो कि एविवा लाइफ इंश्योरैंस एपीजे ट्रस्ट की कर्जदार है। एविवा ने एपीजे ट्रस्ट के एपीजे एक्सप्रैस से 25 जून 2008 को मुम्बई के वाशी में लीव एंड लाइसैंस एग्रीमैंट के तहत एक ऑफिस लिया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि एविवा की तरफ से इस संपत्ति को अपने पास रखने की एवज में 27.67 लाख रुपए सर्विस टैक्स और लाइसैंस फीस बकाया है। एपीजे ट्रस्ट ने इस संबंध में 5 अप्रैल 2019 के दिवाला और दिवालियापन कानून की धारा 8 के तहत 27.67 लाख रुपए की मांग को लेकर नोटिस भेजा था।
कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू
27 मई को लिखे पत्र में एविवा ने एपीजे ट्रस्ट की तरफ किसी भी तरह की देनदारी से इंकार किया। इतना ही नहीं एविवा ने एपीजे की तरफ से दायर याचिका को चुनौती भी दी। कंपनी का तर्क था कि वह इंश्योरैंस कंपनी है और एक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी होने के कारण वह वित्तीय क्षेत्र के नियामक के तहत रैगुलेट होती है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने एविवा के खिलाफ दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया। ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद एविवा पहली ऐसी फाइनैंशियल कंपनी बन गई है जो आईबीसी के तहत दिवालियापन की प्रक्रिया का सामना करेगी। रिपोर्ट के अनुसार इस संबंध में एविवा ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है।