Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jul, 2025 05:06 PM

अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म वायसराय रिसर्च (Viceroy Research) ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर अरबपति अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले वेदांता ग्रुप की वित्तीय स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए। रिपोर्ट में कहा गया कि वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (VRL) “वित्तीय रूप...
नई दिल्लीः अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म वायसराय रिसर्च (Viceroy Research) ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर अरबपति अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले वेदांता ग्रुप की वित्तीय स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए। रिपोर्ट में कहा गया कि वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (VRL) “वित्तीय रूप से अस्थिर” है और इसकी पूरी संरचना लेनदारों के लिए गंभीर और कम आंका गया जोखिम पैदा करती है। इस रिपोर्ट के बाद वेदांता के शेयरों में 7.8% तक की गिरावट आई, हालांकि दिन के अंत तक कुछ रिकवरी हुई।
वायसराय रिसर्च के मुख्य आरोप
- वेदांता रिसोर्सेज को “परजीवी होल्डिंग कंपनी” बताया गया, जो खुद कोई बड़ा परिचालन नहीं करती और पूरी तरह वेदांता लिमिटेड से निकाली गई नकदी पर निर्भर है।
- रिपोर्ट में कहा गया कि VRL लगातार VEDL से फंड निकालती है ताकि अपने कर्ज चुकाए जा सकें, जिससे वेदांता लिमिटेड पर नकदी और कर्ज का दबाव बढ़ता जा रहा है।
- समूह की संरचना को एक तरह की “बैट एंड स्विच” फंडिंग रणनीति करार दिया गया, जिसमें नई पूंजी जुटाकर उसे मूल कंपनी के ऋण भुगतान में उपयोग किया जाता है।
नकली लाभ और छिपे हुए खर्च
वायसराय ने वेदांता पर यह भी आरोप लगाया कि:
- कंपनी ने ब्याज खर्च और ऋण दरों में विसंगतियां दिखाई हैं।
- परिसंपत्तियों के मूल्य को बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाया गया है।
- अरबों डॉलर के खर्च को बही-खातों से बाहर रखा गया है, जिससे वित्तीय पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
वेदांता का पलटवार
वेदांता ने रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह “चुनिंदा भ्रामक सूचनाओं और आधारहीन आरोपों” का मिश्रण है। कंपनी के अनुसार:
- रिपोर्ट कोई नया तथ्य पेश नहीं करती, बल्कि पहले से सार्वजनिक सूचनाओं को संदर्भ से काटकर पेश करती है।
- इसका उद्देश्य कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाना और बाजार में गिरावट से मुनाफा कमाना है।
- रिपोर्ट वार्षिक आम बैठक से ठीक एक दिन पहले प्रकाशित की गई है, जिससे इसके समय पर भी संदेह है।
Viceroy का जवाब
Viceroy ने सोशल मीडिया पर कहा कि वेदांता ने उनकी रिपोर्ट के किसी भी बिंदु का सीधे खंडन नहीं किया है। उन्होंने कहा, “हम अपने निष्कर्षों पर कायम हैं और तथ्यों का जवाब देने के लिए तैयार हैं।”
अडानी-हिंडनबर्ग विवाद की याद
इस घटनाक्रम ने जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट की यादें ताजा कर दीं, जिसमें अडानी पर शेयरों की कीमतों में हेराफेरी और लेखांकन गड़बड़ी के आरोप लगे थे। हालांकि अडानी समूह ने आरोपों को खारिज कर दिया और बाद में शेयरों ने काफी हद तक रिकवरी कर ली।