Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 06 Aug, 2022 07:37 PM
बिजली (अमैंडमैंट) बिल 2022 को लेकर केंद्र सरकार व देश भर के बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर आमने-सामने आ गए हैं। केंद्र सरकार ने चिरप्रतीक्षित बिजली (अमैंडमैंट) बिल को 8 अगस्त को संसद में पेश करने के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। दूसरी तरफ नैशनल को-ऑर्डीनेशन...
चंडीगढ़,(पांडेय): बिजली (अमैंडमैंट) बिल 2022 को लेकर केंद्र सरकार व देश भर के बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर आमने-सामने आ गए हैं। केंद्र सरकार ने चिरप्रतीक्षित बिजली (अमैंडमैंट) बिल को 8 अगस्त को संसद में पेश करने के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। दूसरी तरफ नैशनल को-ऑर्डीनेशन कमेटी ऑफ इलैक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर (एन.सी.सी.ओ.ई.ई.ई.) ने सरकार पर वायदाखिलाफी का आरोप लगाते हुए 8 अगस्त को देशभर में काम काज ठप्प कर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने भी बिजली वितरण प्रणाली के निजीकरण के इस बिजली संशोधन बिल का विरोध करते हुए 9 अगस्त को देशभर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। राज्य में एन.सी.सी.ओ.ई.ई.ई. के घटक आल हरियाणा पावर कॉर्पोरेशनज वर्कर यूनियन, हरियाणा पावर इंजीनियर एसोसिएशन व हरियाणा पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन सहित कई अन्य स्वतंत्र बिजली कर्मचारियों के संगठनों ने सोमवार राज्य भर में आयोजित विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने का फैसला लिया है।
एन.सी.सी.ओ.ई.ई.ई. के घटक इलैक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फैडरेशन ऑफ इंडिया (ई.ई.एफ.आई.) के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा व एन.सी.सी.ओ.ई.ई. से वायदा किया था कि बिजली संशोधन बिल 2022 को सांसद में पेश करने से पहले सभी हितधारकों से विचार किया जाएगा। लेकिन अब कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए आनन फानन में हितधारकों किसानों, कर्मचारियों, उपभोक्ताओं से विचार विमर्श 8 अगस्त को संसद में पेश किया जा रहा है। यह विश्वासघात है। आल हरियाणा पावर कॉर्पोरेशनज वर्कर यूनियन के प्रधान सुरेश राठी, चेयरमैन देवेंद्र हुड्डा, महासचिव, नरेश कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी व डिप्टी जरनल सैकेटरी जितेंद्र तेवतिया ने बताया कि सोमवार को इस बिजली संशोधन बिल के खिलाफ बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे।
लांबा ने बताया कि बिजली संशोधन बिल पास होने के उपरांत बिजली वितरण के प्राइवेट लाइसैंस दिए जाएंगे। प्राइवेट लाइसैंसी मामूली चार्ज देकर हजारों करोड़ के खड़े किए गए बिजली के मूलभूत ढांचे का इस्तेमाल कर भारी मुनाफा कमाएंगे। उन्होंने कहा कि प्राइवेट लाइसैंसी को उपभोक्ता चुनने और उत्पादन लागत से 16 प्रतिशत मुनाफा कमाने का अधिकार होगा। सबसिडी व क्रॉस सबसिडी खत्म हो जाएगी। जिसका दुष्परिणाम यह होगा कि 7.5 हॉर्स पावर का पंपिंग सैट प्रयोग करने वाले आम किसान को मात्र 6 घंटे पंपिंग सैट चलाने पर 10,000 रुपए से अधिक का महीने में भुगतान करना होगा। गरीबी रेखा के नीचे और आम घरेलू उपभोक्ताओं पर भी बहुत महंगी बिजली की चोट पड़ेगी। बिजली की दरों में वृद्धि होगी और बिजली 9-10 रुपए प्रति यूनिट होगी। यह बिल घाटे का राष्ट्रीयकरण और घाटे का निजीकरण करने वाला है। सरकारी बिजली वितरण कंपनियों का हाल बी.एस.एन.एल. की तरह होगा और कर्मचारियों एवं इंजीनियर पर छंटनी की तलवार लटक जाएगी।