Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 14 Mar, 2023 10:43 PM

चंडीगढ़ की जिस गवर्नमैंट आई.टी.आई. के छात्र आज विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन कर रहे हैं, वह बंद होने के कगार पर है। यहां के हालात ये हैं कि भविष्य के अग्निवीरों की अग्नि परीक्षा हो रही है। यहां पर कैंटीन है, मगर चलाने वाला नहीं। मैदान है मगर वहां...
चंडीगढ़,(अश्वनी कुमार) : चंडीगढ़ की जिस गवर्नमैंट आई.टी.आई. के छात्र आज विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन कर रहे हैं, वह बंद होने के कगार पर है। यहां के हालात ये हैं कि भविष्य के अग्निवीरों की अग्नि परीक्षा हो रही है। यहां पर कैंटीन है, मगर चलाने वाला नहीं। मैदान है मगर वहां वाहनों का कब्जा है। डिस्पैंसरी भी है मगर वहां जिसके पास चार्ज है, उसे यही पता नहीं कि कौन सी दवा देनी है। यही नहीं कई साल से न तो यहां फार्मासिस्ट है और न तो यहां दवाएं आईं हैं। लाइब्रेरी है, मगर यहां अखबार नहीं आते। यह हाल हैं चंडीगढ़ की सैक्टर-28 स्थित गवर्नमैंट इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (जी.आई.टी.आई.) के। 15 के करीब पद कई साल से खाली पड़े हैं, जबकि जो इंस्ट्रक्टर वहां तैनात हैं, उनके पास अन्य ट्रेड का भी चार्ज है। 10 और इंस्ट्रक्टर हाल ही में रिलीव हुए हैं। यही नहीं जिनके पास अब अतिरिक्त चार्ज है, उनकी भी बतौर बी.एल.ओ. ड्यूटी लगाई गई है।
10 इंस्ट्रक्टर हुए रिलीव
हाल ही में आई.टी.आई. से 10 इंस्ट्रक्टर रिलीव हुए हैं। इनमें रिलीव हुए कारपेंटर ट्रेड के गुरदर्शन सिंह की जगह अमरजीत सिंह काम देख रहे हैं। ड्रफ्टसमैन सिविल का टे्रड देख रहे अमूल सिंह की जगह दलजीत सिंह, मैकेनिक रैफ्रिजरेटर एंड ए.सी. एम.डी. यहिया अंसारी की जगह शिव कुमार, मैकेनिक डीजल राजकुमार की जगह राजेश कौशल, कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टैंट (कोपा) ट्रेड देख रहे पवन कुमार की जगह सुमन गुप्ता, इंजीनियरिंग ड्राईंग के गुरप्रीत सिंह की जगह सी.पी. यादव, इलैक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक ट्रेड के विनोद कौशिक की जगह पंकज, मैकेनिक मोटर व्हीकल ट्रेड के ओम प्रकाश की जगह चरनजीत सिंह, इंजीनियरिंग ड्राईंग ट्रेड के राधे श्याम की जगह ए.के. नंदा और इलैक्ट्रीशियन ट्रेड के नवीन कुमार की जगह रविंदर कौशल उनका चार्ज देख रहे हैं। अगर प्रशिक्षण के दौरान किसी स्टूडैंट को चोट लग जाए तो यहां डिस्पैंसरी में मरहम-पट्टी तक भी हो पाना मुश्किल है।
बंदर मचा रहे उत्पात, पहुंचा रहे नुक्सान
आई.टी.आई. में बंदर छुटटी वाले दिनों में खूब उत्पात मचाते हैं। छत के रास्ते से दाखिल होने वाले ये बंदर मशीनों को भी नुक्सान पहुंचा रहे हैं। यही नहीं बंदर मॉडलों, चार्टों और यहां रखे इक्विपमैंट्स को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। मगर प्रबंधन हैरीटेज बिल्डिंग की दुहाई देकर छत से आई.टी.आई. के अंदर आने वाले रास्तों को बंद नहीं कर रहा।
कई साल से ये पद खाली
हिंदी स्टेनो, हिंदी लैंग्वेज, इंग्लिश लैंग्वेज, इंग्लिश स्टेनो, लाब्रेरियन, फार्मासिस्ट, डिस्पैंसर, हॉस्टल वार्डन कम पी.टी. कोच, ड्राफ्ट्समैन सिविल, फिटर इंस्ट्रक्टर, इम्पलायबिलिटी इंस्ट्रक्टर के पद कई साल से खाली हैं। यही नहीं ध्यान देने वाली बात तो यह है कि किसी अलग ट्रेड का माहिर दूसरे ट्रेड का भी अतिरिक्त कार्यभार देख रहा है। देखा जाए तो कोई अन्य प्रशिक्षक कारपैंटर छात्रों को कैसे पढ़ा सकता है?
गवर्नमैंट इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, सैक्टर-26, चंडीगढ़ के प्रिंसीपल अरुण गुप्ता कहते हैं कि जो इंस्ट्रक्टर रिलीव हुए हैं वे कांट्रैक्ट पर थे, उनके एक्सटैंशन के लिए दोबारा लिखा गया है। जल्द ही उनका कांट्रैक्ट रिन्यू हो जाएगा। कैंटीन का रैंट बहुत ज्यादा था, इसलिए कैंटीन लेने को कोई तैयार नहीं है। रेट कम करने के लिए भी प्रशासन से गुजारिश की गई है डिस्पैंसरी में जो मैडम तैनात थे, कोरोना काल में रिटायरमैंट के बाद 2 साल तक पोस्ट खाली रही, जिस कारण पोस्ट डीम्ड डिमोलिश्ड हो गई। अब इसके लिए भी दोबारा प्रोसैस किया जाएगा। वैसे अगर किसी स्टूडैंट्स को अगर चोट लगती भी है तो फस्र्ट एड के लिए हमारे पास व्यवस्था है।