इम्प्लाइज हाऊसिंग स्कीम: प्रशासन हफ्ते में बोर्ड को जमीन करेगा अलॉट

Edited By bhavita joshi,Updated: 19 Feb, 2019 03:11 PM

employee s housing scheme administration will land the board in the week

इम्प्लाइज हाऊसिंग स्कीम के तहत चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड को जमीन अलॉट करने की मिनिस्ट्री से हरी झंडी मिलने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने सैक्टर-52 और 56 में बोर्ड को 61.5 एकड़ जमीन अलॉट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

चंडीगढ़(राजिंद्र): इम्प्लाइज हाऊसिंग स्कीम के तहत चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड को जमीन अलॉट करने की मिनिस्ट्री से हरी झंडी मिलने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने सैक्टर-52 और 56 में बोर्ड को 61.5 एकड़ जमीन अलॉट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह जमीन 74 हजार प्रति स्क्वेयर यार्ड के रेट पर अलॉट की जाएगी, जिसके तहत बोर्ड प्रशासन को 36 करोड़ रुपए के करीब देगा। इस पूरी प्रक्रिया को सप्ताह के अंदर पूरा किया जाएगा। स्कीम के तहत 3930 फ्लैट्स का निर्माण करवाया जाना है। 

बोर्ड ने डेढ़ माह में इन फ्लैट्स का निर्माण पूरा करने का टारगेट रखा, जिसके लिए मार्च में टैंडर निकाला जाएगा। बोर्ड के चेयरमैन अजोय कुमार सिन्हा ने बताया कि यू.टी. प्रशासन ने जमीन अलॉट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए यू.टी. प्रशासक को फाइल भेजी जाएगी, जिसके बाद ही बोर्ड को ये जमीन अलॉट कर दी जाएगी। पिछले सप्ताह बोर्ड ने ये चैक करने के लिए इन दोनों साइट का दौरा भी किया था कि यहां पर किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण तो नहीं है। 

करीब 1.70 करोड़ होगी थ्री बैडरूम फ्लैट की कीमत 
इस रेट के तहत थ्री बैडरूम फ्लैट की कीमत 1.70 करोड़ रुपए के करीब होगी, वहीं टू बैडरूम फ्लैट की कीमत 1.20 करोड़ रुपए के करीब होगी। बोर्ड ने इसी स्कीम के तहत सैक्टर-53 में अलग-अलग कैटेगरी के 565 फ्लैट्स के लिए 12 एकड़ भूमि पर निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है, क्योंकि इस जमीन का पजेशन बोर्ड ने पहले ही ले लिया था। बोर्ड ने सैक्टर-52 में 28 एकड़ भूमि और सैक्टर-56 में 33 एकड़ भूमि इस स्कीम के लिए मांगी थी, जिस पर 3066 के करीब फ्लैट्स का निर्माण किया जाना है।

 इम्पलाइज हाऊसिंग स्कीम वर्ष 2008 में लांच हुई थी और 7 हजार से अधिक कर्मचारियों ने आवेदन किए थे लेकिन वर्ष 2010 में ड्रा में 3930 कर्मचारी सफल रहे थे। सफल आवेदकों ने पैसे भी जमा करवा दिए थे लेकिन कई विवादों के चलते ये स्कीम लटक गई थी। वर्ष 2012 में तत्कालीन प्रशासक शिवराज पाटिल ने शहर में इस स्कीम के लिए भूमि होने से इन्कार कर दिया था। 

मिनिस्ट्री के समक्ष मुद्दा उठाने के बाद मिली थी अप्रूवल 
पिछले साल दिसम्बर में मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने प्रशासन के भूमि अलॉट करने के इस प्रस्ताव को मंजूरी देने से इन्कार कर दिया था। मिनिस्ट्री ने कहा था कि लोगों की जमीन का लोगों से जुड़े पर्पज के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है, न कि किसी इम्पलाइज स्कीम के लिए। स्थानीय सांसद किरण खेर और बी.जे.पी. प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन ने इस मामले को मिनिस्ट्री के समक्ष उठाया था। मिनिस्ट्री ने इस साल जनवरी में इस स्कीम को कलैक्टर रेट पर अप्रूवल दे दी थी। 

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