Edited By ,Updated: 18 Apr, 2016 08:38 AM
पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया व अन्य ‘वैक्टर बोर्न डिजीज’ रोकने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए राज्य स्तर पर तो अधिकारियों में काम बंटा है लेकिन जिलों में ऐसा नहीं था।
चंडीगढ़, (रमनजीत): पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया व अन्य ‘वैक्टर बोर्न डिजीज’ रोकने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए राज्य स्तर पर तो अधिकारियों में काम बंटा है लेकिन जिलों में ऐसा नहीं था। अधिक व्यस्तता की वजह से इन गंभीर बीमारियों के कंट्रोल में आने वाली दिक्कत दूर करते हुए जिला स्तर पर भी काम बांट दिया गया है।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव विनी महाजन ने आदेश जारी किए हैं। प्रमुख सचिव ने कहा कि जिलों में तैनात रैगुलर एपिडिमोलॉजिस्ट (पी.सी.एम.एस.-1) नैशनल वैक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम, राष्ट्रीय रैबीज कंट्रोल प्रोग्राम एवं डिजास्टर मैनेजमैंट (बाढ़ राहत) का काम देखें।
वहीं, जिलों में तैनात आई.डी.एस.पी. एपिडिमोलॉजिस्ट स्वाइन फ्लू, हैपेटाइटिस बी व सी समेत मलेरिया-डेंगू जैसी बीमारियों पर नजर रखेंगे। जिस जिले में सिर्फ आई.डी.एस.पी. एपिडिमोलॉजिस्ट तैनात है, वहां रैबीज कंट्रोल व डिजास्टर मैनेजमैंट का काम डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन अधिकारी को सौंपा जाएगा।