शहरवासियों पर पड़ेगा 412 करोड़ रुपए का भार, अब निगम को भी देने होंगे 22 करोड़

Edited By Updated: 25 Apr, 2021 11:21 PM

increased cost of water supply project

शहर में 24 घंटे वाटर सप्लाई प्रोजैक्ट की बढ़ी लागत कजौली से पाइप लाइन व वाटर ट्रीटमैंट का काम बढऩे के चलते बढ़ी कॉस्ट

चंडीगढ़, (राजिंद्र शर्मा) : शहर में 24 घंटे वाटर सप्लाई प्रोजैक्ट के लिए कॉस्ट बढ़ गई है, जिसका भार शहरवासियों के साथ ही चंडीगढ़ नगर निगम पर भी पड़ेगा। पूरे शहर में इस प्रोजैक्ट की अनुमानित लागत 591 करोड़ रुपए हो गई है, जिसके लिए निगम फ्रैंच डिवैल्पमैंट एजैंसी से लोन ले रहा है और इस 412 करोड़ रुपए का भार लोगों पर ही पड़ेगा, क्योंकि इस लोन को वापस करने के लिए वर्ष 2027 से शहरवासियों को पानी के अधिक शुल्क का भुगतान करना होगा। पहले लोन की राशि 380 करोड़ रुपए थी, जो अब बढ़कर करीब 412 करोड़ रुपए हो गई है। इसके अलावा निगम को भी प्रोजैक्ट के लिए अब 22 करोड़ रुपए देने होंगे। कजौली वाटर वक्र्स की पाइपलाइन और वाटर ट्रीटमैंट का काम बढऩे के चलते ही प्रोजैक्ट की कॉस्ट बढ़ी है।

 


15 साल में चुकाना है लोन
प्रोजैक्ट के लिए 60 करोड़ रुपए चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने देने हैं और 97 करोड़ रुपए की यूरोपियन यूनियन से ग्रांट भी मिलनी है। प्रोजैक्ट को लेकर अब नगर निगम हाऊस की जानकारी के लिए आगामी सदन की बैठक में प्रस्ताव लाया जा रहा है। इस संबंध में निगम के एक अधिकारी ने बताया कि प्रोजैक्ट में पाइप लाइन और वाटर ट्रीटमैंट का काम बढऩे के चलते इसकी लागत बढ़ गई है। यही कारण है कि अब निगम में इसे लेकर 22 करोड़ रुपए देगा। इसके अलावा लोन की कॉस्ट भी बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि लोन चुकाने की अवधि 15 वर्ष की है, जिसमें 6 साल का मोरेटोरियम पीरियड भी है। 
 

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