पटरी पर नहीं लौट पा रहे उद्योग

Edited By pooja verma,Updated: 08 May, 2020 10:59 AM

industries not able to get back on track

चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर से कर्फ़्यू हटाने के बाद आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री को सशर्त शुरु करने की अनुमति तो दे दी, लेकिन उनका काम पटरी पर नहीं आ रहा है।

चंडीगढ़ (राजिंद्र शर्मा) :  चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर से कर्फ़्यू हटाने के बाद आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री को सशर्त शुरु करने की अनुमति तो दे दी, लेकिन उनका काम पटरी पर नहीं आ रहा है। जिसके चलते इंडस्ट्रलिस्ट को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। दूसरी तरफ बापूधाम कॉलोनी में बढ़ते केसों के चलते वह भय के माहौल के काम में कर रहे हैं, क्योंकि हजारों की संख्या में मजदूर यहां काम करने के लिए आते हैं। 

 

बताया जा रहा है कि शहर में करीब 30 फीसदी उद्योगों के शट्टर तो खुल गए हैं, पर काम न के बराबर है। पड़ोसी राज्यों के साथ ही अन्य राज्यों की काफी डिमांड इंडस्ट्रियल एरिया के उद्योगों द्वारा पूरी की जाती है, लेकिन वर्तमान परस्थितियों में हर जगह लॉक डाउन व बन्द है, जिसके चलते आगे से डिमांड नहीं आ रही। यही वजह है कि इस कारण इंडस्ट्री भी सही रूप से शुरू नहीं हो पा रही है। 

 

हाटस्पाट बापूधाम से सटे है औद्योगिक क्षेत्र
शहर का औद्योगिक क्षेत्र कोरोना हाटस्पाट बापू धाम से सटे है। यहां तक ​​कि औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश करने वालों के लिए एक प्रवेश द्वार भी वहीं से निकलता है। यह मार्ग इन दिनों सील है। उद्योगों में अधिकतर मजदूर भी वहीं से आते हैं। वीरवार को चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने ट्वीट कर उद्योगों से बापूधाम के मजदूरों की फिलहाल सेवायें न लेने के लिए कहा है, क्योंकि उन्हें इस संबन्ध में ट्विटर पर ही शिकायत भी आयी थी कि बापूधाम के मजदूर इंडस्ट्रियल एरिया में काम के लिए जा रहे हैं। 

 

स्क्रू मैन्यूफैचरिंग उद्योग भी संकट में फंसा
चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष एमपीएस चावला ने कहा कि श्रमिक या तो उपलब्ध नहीं है या वे बापू धाम में रहते हैं। प्लंबर, ड्राइवर और सब्जी विक्रेताओं सहित अधिकांश आवश्यक कर्मचारी बापू धाम में रहते हैं। प्रसार को कम करने के प्रयास में, प्रशासन ने सब्जी और फल विक्रेताओं को सेक्टर 26 से सेक्टर 17 में पुराने बस स्टैंड पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी है पर उद्योगों को तो शिफ़्ट नहीं किया जा सकता। 

 

उद्योगों के साथ चंडीगढ़ की स्क्रू मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग भी संकट में है। कुछ तो लाकडाउन के बाद हिमाचल या अन्य राज्यों में पलायन पर भी विचार कर रहे है । उद्योगपतियों का कहना है कि प्रति लाखों रुपए जीएसटी अदा करने वाले और रोजगार देने उद्यमों को तुरंत सहायता पहुंचाई जानी आवश्यक है। एसोसिएशन का मानना है कि चाहे प्रशासन ने उन्हें उद्योग खोलने की अनुमति दे दी है पर वह अपने कर्मचारियों को किसी भी संकट में नहीं डाल सकते।  

 

कई उद्योग नहीं हो पा रहे शुरू
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ के अध्यक्ष पंकज खन्ना ने बताया कि चंडीगढ़ में एमएचए की सलाह को  लागू कर अर्थव्यवस्था को रिबूट करने के प्रयास तो किये जा रहे हैं पर उद्योगों के सामने जो चुनौतियों है उनका भी समाधान होना चाहिए। कुछ उद्योगों ने अपने परिसर को 'खोल दिया है पर आर्थिक गतिविधि कम है। ऑटो डीलर्स, स्क्रू और फर्नीचर निर्माता अभी तक अपने संबंधित व्यवसायों को शुरु नहीं कर रहे हैं। एमएसएमई, एसएमई के लिए किसी भी वित्तीय राहत के अभाव में, इन्हें पुन: चालू करना संभव नहीं होगा। भारत सरकार द्वारा समय पर आर्थिक सहायता घोषित नहीं किए जाने से व्यवसायों को हो रही वित्तीय क्षति से इंकार नहीं किया जा सकता है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!