वाहन चोरों के निशाने पर ज्यादातर रहते हैं यह वाहन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jun, 2017 09:23 AM

vehicle mostly on the target of vehicle thieves

बलैरो गाड़ी और एक्टिवा स्कूटर शहर में वाहन चोरों के निशाने पर है। वाहन चोर ज्यादातर इन वाहनों को चोरी कर रहे हैं।

चंडीगढ़ (सुशील): बलैरो गाड़ी और एक्टिवा स्कूटर शहर में वाहन चोरों के निशाने पर है। वाहन चोर ज्यादातर इन वाहनों को चोरी कर रहे हैं। चोर बोलेरो गाड़ी चुराकर दूसरे राज्यों में बेच देते हैं जहां चोरी की इन बोलेरो गाड़ी से गांव में सवारियां ढोई जाती हैं। एक गांव से दूसरे गांव तक चलने वाली बलोरो गाड़ी के बारे में पुलिस भी खास पूछताछ नहीं करती। एक्टिवा स्कूटर को ज्यादातर स्नैचिंग के लिए चुराया जाता है। स्नैंचर एक्टिवा पर स्नैचिंग कर आराम से फरार हो जाते हैं। चोरों का ज्यादातर निशाना घरों के बाहर और पार्किंग में खड़ी गाडिय़ां होती हैं। चंडीगढ़ में ज्यादातर लोगों के सामने वाहन खड़ा करने के लिए पार्किंग समस्या पेश आती है। 

 

लोग अपनी गाडिय़ां घर के बाहर या पार्क में खड़ी करते हैं, जिसका फायदा चोर उठाते हैं। इतना ही नहीं चोर गाड़ी के स्पेयर पार्ट तक चुरा ले जाते हैं। पुलिस ने बताया कि जनवरी से दिसम्बर 2016 में कुल 812 वाहन चोरी हुए थे, जिनमें 170 दो पहिया वाहन थे। इनमें 31 महेंद्रा बोलैरो जीप शामिल है। इसके अलावा 37 मारूति करा, 13 हुंडई वरना , 9 इनोवा शामिल है। इस साल अब तक 642 दोपहिया वाहन चोरी हुए थे, जिनमें 127 होंडा एक्टिवा स्कूटर थे। वहीं एक जनवरी से मई 2017 तक कुल 262 वाहन चोरी हो चुके हैं, जिनमें 35 दोपहिया वाहन शामिल हैं। इनमें चार बोलोरो गाड़ी चोरी हुई हैं। इसके अलावा 227 दोपहिया वाहन हैं, जिनमें 82 एक्टिवा स्कूटर शामिल हैं। 


 

चोरों से कम वाहन हुए रिवकर 
चंडीगढ़ पुलिस ने वाहन चोरी रोकने के लिए एंटी थैफ्ट सैल बना दिया, जिसके बाद भी चोरी की वारदातें कम नहीं हुईं। 2016 में चंडीगढ़ पुलिस ने कुल 145 वाहन चोरों को पकड़कर 66 चार पहिया और 232 दोपहिया वाहन बरामद किए थे। 2017 में पुलिस ने 41 वाहन चोरों को पकड़कर 54 चोरी के वाहन जब्त किए हैं। वहीं चंडीगढ़ से वाहन चोरी करने वाले गिरोह के सदस्यों को क्राइम ब्रांच ने 2016 में काबू किया था। 

 

गिरोह की निशानदेही पर पुलिस ने क्राइम ब्रांच ने चोरी के 109 वाहन और इस साल 52 चोरी की वाहन बरामद कर चुकी है। चंडीगढ़ से वाहन चोरी करते ज्यादातर वाहन कबाडिय़ों को बेच देते है। कबाड़ी भी चोरी की गाडिय़ों के स्पेयर पार्ट अलग-अलग कर बेचते हैं। हैरानी यह है कि चंडीगढ़ पुलिस वाहन चोरों को पकडऩे के बावजूद स्क्रैप डीलर तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो पाती। 


 

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