Edited By Jyoti,Updated: 05 Mar, 2020 10:40 AM
आज 5 मार्च, 2020 गुरुवार फाल्गुन शुक्ल तिथि दशमी (दोपहर 1.19 तक) तथा तदोपरांत तिथि एकादशी। विक्रमी सम्वत् : 2076, फाल्गुन प्रविष्टे: 22, राष्ट्रीय शक सम्वत्: 1941,
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आज 5 मार्च, 2020 गुरुवार फाल्गुन शुक्ल तिथि दशमी (दोपहर 1.19 तक) तथा तदोपरांत तिथि एकादशी। विक्रमी सम्वत् : 2076, फाल्गुन प्रविष्टे: 22, राष्ट्रीय शक सम्वत्: 1941, दिनांक: 15 (फाल्गुन), हिजरी साल: 1441, महीना: रज्जब, तारीख 9, सूर्योदय: 6.54 बजे, सूर्यास्त: 6.25 बजे (जालंधर समय), नक्षत्र: आद्र्रा (पूर्व दोपहर 11.26 तक) तथा तदोपरांत नक्षत्र पुनर्वसु। योग: आयुष्मान (प्रात: 9.48 तक) तथा तदोपरांत योग सौभाग्य। चंद्रमा मिथुन राशि पर (5 मार्च दिन-रात तथा 6 को प्रात: 4.55 तक) तथा तदोपरांत कर्क राशि पर प्रवेश करेगा, भद्रा प्रारम्भ (5-6 मार्च मध्य रात 12.33 पर)। इसके अलावा अपना आज का राशिफल जानने के लिए यहां क्लिक करें।
दिशा शूल: दक्षिण एवं आग्नेय दिशा के लिए।
राहू काल: दोपहर डेढ़ से तीन बजे तक।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार का दिन भगवान विष्णु तथा बृहस्पति ग्रह को समर्पित है। इसलिए इस दौरान इन दोनों की पूजा ककरना लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना, श्री हरि विष्णु को पीले फूल, पीले मिष्ठान आदि अर्पित करना चाहिए। तो वहीं मान्यताओं के अनुसार इस दिन इनसे जुड़े कुछ खास उपाय आदि करने से भी विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन शुद्ध जल में हल्दी डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए। फिर इसमें चने की दाल और मुनक्का चढ़ाकर दीपक जलाएं और पेड़ की आरती उतारनी चाहिए। दिन में एक समय ही अस्वाद भोजन करें। भोजन में चने की दाल या पीली चीज़ों का सेवन करें। व्रती इस दिन भूलकर भी नमक का प्रयोग न करें। पूजा में पीले वस्त्र ही पहनें। पीले फलों का भोग लगाकर स्वयं भी ग्रहण करें। पूजन के बाद भगवान बृहस्पति की कथा का पाठ व श्रवण ज़रूर करें।