Maharaja Vikramaditya Story: महाराजा विक्रमादित्य से जानें, सुखी जीवन जीने का मूल मंत्र

Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 May, 2024 11:47 AM

maharaja vikramaditya story

एक बार महाराजा विक्रमादित्य अपने गुरु के दर्शन करने उनके आश्रम पहुंचे। वहां उन्होंने गुरु से कहा, “गुरु जी मुझे कोई

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Maharaja Vikramaditya Story:  एक बार महाराजा विक्रमादित्य अपने गुरु के दर्शन करने उनके आश्रम पहुंचे। वहां उन्होंने गुरु से कहा, “गुरु जी मुझे कोई मंत्र दीजिए जिससे न केवल मुझे बल्कि मेरे उत्तराधिकारियों को भी मार्गदर्शन मिलता रहे।”

गुरु जी ने उन्हें एक श्लोक लिखकर दिया जिसका अर्थ  था कि मनुष्य को दिन व्यतीत हो जाने के बाद यह चिंतन अवश्य करना चाहिए कि आज का मेरा पूरा दिन पशु की तरह गुजरा या सत्कर्म करते हुए। बिना समाज सेवा, परोपकार आदि के तो पशु भी अपना गुजारा करते हैं जबकि मनुष्य का कर्त्तव्य तो अपने जीवन को सार्थक करना है।

PunjabKesari Maharaja Vikramaditya Story

इस श्लोक का राजा विक्रमादित्य पर इतना असर पड़ा कि उन्होंने इसे अपने सिंहासन पर अंकित करवा दिया। अब वह रोज रात को यह विचार करते कि उनका दिन अच्छे काम में बीता या नहीं।

एक दिन अति व्यस्तता के कारण वह किसी की मदद अथवा परोपकार का कार्य नहीं कर पाए। रात को सोते समय दिन के कामों का स्मरण करने पर उन्हें याद आया कि आज उनके हाथ से कोई सद्कार्य नहीं हो पाया। वह बेचैन हो उठे। उन्होंने सोने की कोशिश की पर उन्हें नींद नहीं आई।

PunjabKesari Maharaja Vikramaditya Story

आखिरकार वह उठकर बाहर निकल गए। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक गरीब आदमी सर्दी में ठिठुर रहा है। उन्होंने उसे अपना दोशाला ओढ़ाया और राजमहल में लाकर खूब सेवा की। अब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि उनका दिन अच्छा बीता। उन्होंने सोचा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति सद्भावना व परोपकार को अपनी दिनचर्या में शामिल कर ले तो उसका जीवन सार्थक हो जाएगा।

PunjabKesari Maharaja Vikramaditya Story

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!