Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Feb, 2019 07:58 AM
आज सोमवार, 11 फरवरी 2019 को षष्ठी तिथि पड़ रही है। इस का स्वामी स्कंद है। इस तिथि में जन्मे बच्चों का टूरिज़्म, मैडीकल टूरिज़्म, टूर एंड ट्रैवल, टूर आर्गेनाइज करने, टूरिस्टों के लिए होटलों में स्टे तथा एयर लाइंस में उनकी फ्लाइट्स के लिए टिकटों की...
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)आज सोमवार, 11 फरवरी 2019 को षष्ठी तिथि पड़ रही है। इस का स्वामी स्कंद है। इस तिथि में जन्मे बच्चों का टूरिज़्म, मैडीकल टूरिज़्म, टूर एंड ट्रैवल, टूर आर्गेनाइज करने, टूरिस्टों के लिए होटलों में स्टे तथा एयर लाइंस में उनकी फ्लाइट्स के लिए टिकटों की बुकिंग इत्यादि के अरेंजमैंट करने जैसे काम-धंधे में इंट्रैस्ट होता है। एग्रीकल्चरल के साथ जुड़े कामकाज में भी वह अच्छी सक्सैस पाता है।
नक्षत्र
अश्विनी नक्षत्र के देवता अश्विनी कुमार तथा स्वामी केतू हैं। यह नक्षत्र गंड मूल कारक है। जन्म के 27वें दिन के आसपास जब यह नक्षत्र पुन:आए तो इसकी पूजा-अर्चना कराने का विधान है। अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मा बच्चा पिता के लिए तथा चतुर्थ चरण में जन्मा बच्चा स्वयं अपने स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता। यह जातक पॉलिटिकल लीडर्स के साथ कांटैक्ट रखने वाला होता है।
योग
शुभ योग की स्वामी लक्ष्मी जी हैं। इस योग में जन्मा बच्चा बड़ा कारोबारी, बिजनैस मैगनेट होता है। वह अपनी सूझ-बूझ, समझदारी के काम-धंधे का अच्छा फैलाव-विस्तार करता है। वह अच्छी धन सम्पदा अर्जित करता है तथा जीवन सुख-साधनों के साथ बिताता है। लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना करने से कारोबार में अधिक चमक आती है।
करण
तैतिल करण के स्वामी विश्व हैं। इस करण में जन्मे बच्चे रियल एस्टेट के काम-धंधे में अच्छी सक्सैस पाने वाले होते हैं। जो कन्याएं इस करण में जन्म लेती हैं, विवाहोपरांत उनकी गृहस्थी मधुर, सुहावनी, सुख-सुविधाओं से सम्पन्न होती हैं। गार्डनिंग में तथा पौधों की केयर करने में उनका काफी इंट्रैस्ट होता है।
वार
सोमवार के देवता अधिदेवता शिव-पार्वती हैं। इस वार जन्मा बच्चा बहुत समझदार, इंटैलीजैंट, दूरदर्शी, कूल एवं शांत नेचर वाला, बड़े लोगों, अफसरों के साथ रिलेशंस बनाने में एक्सपर्ट होता है। वह वैल एजुकेटिड तथा कुछ न कुछ सीखने, नालेज में वृद्धि करने की नेचर वाला होता है। वह धनी तथा अच्छे व बड़े व्हीकल्ज का आनंद उठाने वाला होता है।
शुभ पंचांग
तारीख: 11 फरवरी, 2019
वार: सोमवार
अयन: उत्तरायण
विक्रमी सम्वत्: 2075
विक्रमी माघ प्रविष्टे: 29
राष्ट्रीय शक सम्वत्: 1940
शक माघ तारीख: 22
हिजरी साल: 1440
महीना: जमादि उल्सानी, तारीख 5
पक्ष: माघ शुक्ल।
तिथि : षष्टी (बाद दोपहर 3.21 तक) तथा तदोपरांत तिथि सप्तमी।
नक्षत्र : अश्विनी (रात 9.13 तक) तथा तदोपरांत नक्षत्र भरणी।
योग : शुभ (दोपहर 12.06 तक) तथा तदोपरांत योग शुक्ल।
करण : तैतिल (बाद दोपहर 3.21 तक) तथा तदोपरांत करण गर।
चंद्र राशि: मेष (पूरा दिन-रात)।
सूर्योदय/सूर्यास्त: प्रात: 7.17/सायं 6.07 (जालन्धर समय)
राहू काल: प्रात: 07.30 से 09.00 बजे तक।
आज पैदा होने वाले बच्चों का नामाक्षर तथा भविष्यफल
समय- प्रात:8.26 से लेकर बाद दोपहर 2.49 तक
नामाक्षर- चो
यह बच्चा धर्म परायणी, ईश्वर में आस्था रखने वाला, लैंड्स संबंधी कामों—एग्रीकल्चरल लैंड्स, अर्बन लैंड्स की सेल-परचेज, रियल एस्टेट जैसे कामों में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है।
समय - बाद दोपहर 2.50 से लेकर रात 9.13 तक
नामाक्षर- ल
यह बच्चा कुछ शार्ट टैम्पर्ड, रिस्क लेने का खतरा उठाने वाला, मार्शल सर्विसिज (आर्मी पुलिस, पैरा मिलिट्री फोर्स) की सर्विस में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है।
समय- रात 9.14 से लेकर 11-12 मध्य रात 3.27तक
नामाक्षर- ली
यह बच्चा अपने एजुकेशनल लैवल को इम्प्रूव करने, जनरल तथा प्रैक्टिकल नालेज में वृद्धि करने, बड़े लैवल पर अपना बिजनैस चलाने वाला तथा बहुत महत्वाकांक्षी होता है।
समय - 11-12 मध्य रात 3.28 से लेकर अगले दिन (12 फरवरी) प्रात: 9.42 तक
नामाक्षर- लू
यह बच्चा बहुत क्लैवर, शुरू किए गए किसी भी प्रोग्राम को, प्रोजैक्ट को कोई भी तरीका अपना कर उसके टारगेट तक ले जाने वाला, अपनी धुन का निश्चय का बड़ा पक्का होता है।
गंड मूल काल
रात 9.13 तक जन्मे बच्चे को अश्विनी नक्षत्र की पूजा लगेगी।
सूर्योदय कालीन कुंडली
सूर्य मकर में
चंद्रमा मेष में
मंगल मेष में
बुध कुंभ में
गुरु वृश्चिक में
शुक्र धनु में
शनि धनु में
राहू कर्क में
केतु मकर में
दिशा शूल
पूर्व एवं ईशान दिशा के लिए— इस दिशा की यात्रा न करें।
कुंभ के बारे में कितना जानते हैं आप !