Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Mar, 2024 08:26 AM
आपने अपनी शादी के टाइम की साड़िया अलमारी में संभाल कर रखी हुई हैं जिनका अब रिवाज भी खत्म हो चुका है। आपने उनको अब कभी पहनना नहीं। वे पड़ी-पड़ी खराब हो जाएंगी। वे ‘आऊट ऑफ फैशन’ हो गई हैं।
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आपने अपनी शादी के टाइम की साड़िया अलमारी में संभाल कर रखी हुई हैं जिनका अब रिवाज भी खत्म हो चुका है। आपने उनको अब कभी पहनना नहीं। वे पड़ी-पड़ी खराब हो जाएंगी। वे ‘आऊट ऑफ फैशन’ हो गई हैं। उनको आप अपने घर काम करने वाली औरतों को दे दो, वे पहनेंगी तथा खुश होकर आपको दुआएं देंगी। -राष्ट्र संत चंद्र प्रभ
जनाब मतलब में बड़ा वजन होता है। मतलब निकल जाने पर रिश्तों का वजन हल्का हो जाता है।
गाड़ी में अगर ब्रेक नहीं तो दुर्घटना निश्चित है। जीवन में संस्कार और मर्यादा नहीं हैं तो इंसान का पतन निश्चित है।
इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं। अगर चर्चा हो उसकी बुराई की तो फिर गूंगे भी बोलने लगते हैं। -जया किशोरी जी
हमारी दो मिनट की सहन शक्ति, सब्र, संतोष, हमें कई परेशानियों से बचा सकता है। हम पुलिस, कोर्ट-कचहरी के चक्करों से बच सकते हैं, किसी से भी झगड़ा करने से पहले सोच-विचार जरूर कर लें। झगड़ा करना आसान है पर सुलह करना बड़ी मुश्किल है। —दर्शना भल्ला
आप जो काम खुश होकर करना चाहते हैं, उस पर अपनी पूरी मेहनत लगा दें। मेहनत से ज्यादा टिकाऊ कुछ नहीं। दिल्ली में रहते हुए मैंने गरीबी को बड़ा करीब से देखा है। जो बदलाव देखना चाहते हो, उसे खुद लेकर आओ। मुम्बई आने पर मेरे पास खाने के लिए पैसे नहीं थे। मैं आज खुश हूं कि मैं अपने बच्चों को बता सकता हूं कि हम पर कोई उधार नहीं है। लोन कभी नहीं लें। —शाहरुख खान
गंभीर मत बनो, ईमानदार बनो। —चेतन भगत
हमारी समस्या का समाधान केवल, हमारे पास है, दूसरों के पास तो केवल सुझाव हैं। —चाणक्य
शिखर तक पहुंचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वह माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपका पेशा। —अब्दुल कलाम