...तो इस पिंडी में से खून की धारा बह निकली

Edited By ,Updated: 24 Feb, 2015 11:24 AM

article

यमुनानगर में अवस्थित शिव मंदिर पवित्र और पावन हैं जिनकी मान्यता आज से नहीं बल्कि महाभारत के समय से है और ऐसे में शिव भक्त दूर-दूर से इन मंदिरों में श्रद्वा से माथा टेकने के लिए आते हैं और

यमुनानगर में अवस्थित शिव मंदिर पवित्र और पावन हैं जिनकी मान्यता आज से नहीं बल्कि महाभारत के समय से है और ऐसे में शिव भक्त दूर-दूर से इन मंदिरों में श्रद्वा से माथा टेकने के लिए आते हैं और मन्नत मांग कर अपनी झोलियों को भरते हैं। यमुनानगर के भाटली शिव मंदिर का अपना ही महत्व है। कहा जाता है कि महाभारत के समय यहीं पर पांडवों ने भगवान शिव की पूजा की थी।

जबकि इससे हटकर बात अगर बूडिया की करें जो जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर पातालेश्वर मंदिर नाम से विख्यात है की अपनी महिमा है क्योंकि यहां पिंडी स्वयं भू से प्रकट हुई थी। यह वह मंदिर है जहां पर स्थापित शिवलिंग धरती के काफी अंदर है। जमीन के लगभग 20 फिट से ज्यादा गहराई पर स्थापित इस शिव मंदिर को तभी पातालेश्वर कहा जाता है।

यहां का आम जनमानस मानता है की अगर इसकी पिंडी में गांव के लोग पानी भर दें तो अवश्य बारीश होगी। अन्य किंवदती के अनुसार मंदिर मुगल शासन से भी अधिक प्राचीन माना जाता है। मुगलों ने इस पिंडी को विध्वंस करना चाहा तो इसमें से खून की धारा बह निकली।

सूत्रों के अनुसार इस मंदिर में सच्चे ह्रदय से 40 दिन तक जलाभिषेक व पूजन करने से मन्नत पू्र्ण होती है।  

Related Story

    IPL
    Chennai Super Kings

    176/4

    18.4

    Royal Challengers Bangalore

    173/6

    20.0

    Chennai Super Kings win by 6 wickets

    RR 9.57
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!