Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Apr, 2022 08:33 AM
वैशाखी पर्व में भाग लेने के लिए दो हजार से ज्यादा भारतीय सिख श्रद्धालु मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचे। विभाजन के बाद
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लाहौर (एजैंसी): वैशाखी पर्व में भाग लेने के लिए दो हजार से ज्यादा भारतीय सिख श्रद्धालु मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचे। विभाजन के बाद भारत जाने वाले हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्ति का प्रबंधन करने वाले ‘एवेक्युई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ (ईटीपीबी) तथा पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अधिकारियों ने वाघा सीमा पर सिख श्रद्धालुओं का स्वागत किया।
ईटीपीबी के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने कहा कि वाघा सीमा के जरिये भारत से दो हजार से अधिक सिख यहां पहुंचे। सिख परंपरा के अनुसार तीर्थयात्रियों को लंगर परोसा गया और उन्हें गुरुद्वारा पंजा साहिब हसन अब्दाल ले जाया गया जहां तीन दिन तक पर्व मनाया जाएगा। सिखों और हिंदुओं के लिए बैसाखी या वैशाखी फसल कटने का त्यौहार है। ईटीपीबी के अतिरिक्त सचिव राणा शाहिद ने कहा कि मुख्य आयोजन हसन अब्दाल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में 14 अप्रैल को होगा। तीर्थयात्री गुरुद्वारा जन्मस्थान समेत सभी मुख्य गुरुद्वारों का भी दौरा करेंगे। तीर्थयात्री 21 अप्रैल को भारत लौटेंगे।