Kundli Tv- क्यों मनाया जाता है भइया दूज ?

Edited By Lata,Updated: 09 Nov, 2018 09:29 AM

bhaiya dooj yama dwitiya

शुक्रवार दिनांक 09.11.18 को कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर भाई दूज व यम द्वितीया मनाई जाएगी। पौराणिक मतानुसार देवासुर संग्राम समाप्त होने के बाद भगवान विष्णु जब आराम करने के बाद आंखे मलते हुए उठे तो

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)

PunjabKesari

शुक्रवार दिनांक 09.11.18 को कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर भाई दूज व यम द्वितीया मनाई जाएगी। पौराणिक मतानुसार देवासुर संग्राम समाप्त होने के बाद भगवान विष्णु जब आराम करने के बाद आंखे मलते हुए उठे तो उनकी आंखों से तीन आंसू की बूंदे गिरकर सूर्य पत्नी संज्ञा के आंचल में गिर पड़ती हैं। संज्ञा इसे भगवान का वरदान मानकर आंचल में समेट लेती है। श्री विष्णु उन्हें वरदान देते हैं कि संज्ञा तुम तीन संतानों को जन्म दोगी। संज्ञा की तीन संतानों में से पहले बड़ा भाई मनु, दूसरे और तीसरे के रूप में जुड़वा बच्चे यमराज और यमुना उत्पन्न हुए। सूर्य देव के वरदान से तीनों लोकों में सर्वगुण संपन्न बनकर वह पूजनीय बनी तथा द्वापर में यमुना को श्रीकृष्ण की पत्नी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 

PunjabKesari
यमुना के अनुसार इस दिन जो भाई अपनी बहन के घर भोजन करते हैं तथा भाई-बहन यमुना में स्नान करते हैं, यम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। इस दिन बहने भाइयों के हाथों का पूजन करती हैं। भाई के हाथों में चावल का घोल व सिंदूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी मुद्रा आदि हाथों पर रखकर पानी हाथों पर छोड़ते हुए विशेष श्लोक कहती है। बहनें भाई के सिर पर तिलक लगाकर उनकी आरती करके हथेली में कलावा बांधती हैं। इस पूजन से भाई की रक्षा होती है। अगर भाई को भयंकर पशु भी काट ले तो यमराज के दूत भाई के प्राण नहीं लेते। इस दिन संध्या में यमराज के नाम से चौमुख दीपक जलाकर घर के बाहर रखते हैं। इस दिन यमुना व चित्रगुप्त के पूजन के साथ-साथ यमराज का विशेष पूजन किया जाता है। भाई दूज व यम द्वितीया के विशेष पूजन उपाय से भाई-बहन के सारे कष्ट दूर होते हैं। भाई-बहन को हर कार्य में सफलता मिलती है। भाई-बहन की सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती हैं। भाई- बहन के संबंधों से कटुता दूर होती हैं तथा भाई-बहन पर आई विपदाएं दूर होती हैं।

PunjabKesari
विशेष पूजन: प्रातः काल में यमुना का जल नहाने के पानी में मिलाकर यह मंत्र बोलते हुए स्नान करें। "॥गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्-सन्निधिं कुरु॥" 

मध्यान के समय घर की दक्षिण दिशा में दक्षिणमुखी होकर यमराज का विधिवत पूजन करें। बाजोत पर लाल, काला, सफ़ेद कपड़ा बिछाकर उस पर स्टील के लोटे में जल तिल, सुपारी व सिक्के डालें तथा लोटे के मुंह पर बरगद के पत्ते रख कर उस पर नारियल रख कर यम कलश स्थापित करें। साथ ही लोटे के दोनों ओर 1-1 नारियल यमुना और चित्रगुप्त के लिए रखें। यमराज यमुना व चित्रगुप्त का विधिवत दशोपचार पूजन करें। इत्र मिले सरसों के तेल का दीपक करें, गुग्गल लोहबान से धूप करें, लाल-नीले सफ़ेद फूल चढ़ाएं। सिंदूर, काजल व चंदन से तिलक करें। यमराज पर तेजपत्ता, चित्रगुप्त पर भोजपत्र तथा यमुना पर तुलसी पत्र चढ़ाएं, सुरमा चढ़ाएं, लौंग, नारियल, काली मिर्च, बादाम चढ़ाएं। तेल में तली पूड़ी, नारियल की खीर, उड़द की दाल, कटहल की सब्जी का भोग व इमारती व रेवड़ियों का भोग लगाकर 1-1 माला विशिष्ट मंत्रों का जाप करें।
 PunjabKesari
इसके बाद अगर संभव हो तो भोग किसी काली गाय या भैंस को खिला दें तथा रेवड़ियां प्रसाद स्वरूप में किसी कुंवारी कन्या को बांट दें। बहने अपने भाई का पूजन करते समय यह विशेष श्लोक ज़रूर पढ़ें- गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े। शाम के समय चंद्रमा के दर्शन व पूजन करके यमराज के निमित दीपदान करके पांच दिवसीय दीपावली पूजन समापन करें।  

PunjabKesari
यमराज पूजन मंत्र: धर्मराज नमस्तुभ्यं नमस्ते यमुनाग्रज। पाहि मां किंकरैः सार्धं सूर्यपुत्र नमोऽस्तु ते॥

यमुना पूजन मंत्र: क्लीं कृष्णप्रियाय यमुने नमोऽस्तु ते॥ 

चित्रगुप्त पूजन मंत्र: मसिभाजन-संयुक्तं ध्या-येत्तं च महाबलम्। लेखिनी-पट्टिका-हस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्॥

यमुना स्नान मुहूर्त: सुबह 09:35 से सुबह 10:43 तक।

यम पूजन मुहूर्त: दिन 13:09 से शाम 14:15 तक।

भाई पूजन मुहूर्त: दिन 14:15 से शाम 15:17 तक।

यम दीपदान मुहूर्त: शाम 17:49 से रात 19:45 तक।

चंद्र दर्शन मुहूर्त: शाम 17:26 से शाम 18:26 तक।

चंद्र पूजन मुहूर्त: शाम 18:26 से शाम 19:26 तक।


स्पेशल टोटके: 
भाई बहन के सारे कष्ट दूर करने के लिए:
भाई-बहन की कलाई पर सतरंगी कलावा बांधे।

भाई-बहन को हर कार्य में सफलता के लिए: चित्रगुप्त पर चढ़ी काली पेन भाई-बहन को गिफ्ट करें।

भाई-बहन के सुखों में वृद्धि के लिए: बहन भाई के मस्तक पर अष्टगंध से तिलक करें।

भाई-बहन की विपदा दूर करने के लिए: संध्या के समय दक्षिणमुखी होकर सरसों के तेल का दोमुखी दीपक जलाएं।

भाई-बहन के संबंधों से कटुता दूर करने के लिए: राई, लौंग व उड़द भाई बहन के सिर से वारकर कपूर से जला दें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

आरक्षण पर बोले अब ये कथावाचक, देखें Exclusive Interview श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री के साथ

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!