Edited By Sarita Thapa,Updated: 12 Dec, 2025 01:31 PM

हिंदू धर्म में माघ महीने की अमावस्या तिथि को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या के रूप में जाना जाता है। सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का बहुत खास महत्व है।
Mauni Amavasya 2026: हिंदू धर्म में माघ महीने की अमावस्या तिथि को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या के रूप में जाना जाता है। सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का बहुत खास महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाने, दान करने और मौन व्रत रखने का विधान है, जिसे अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। खासकर जब यह तिथि माघ मेले के दौरान पड़ती है, तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं कि साल 2026 की शुरुआत में यह महत्वपूर्ण पर्व कब मनाया जाएगा और इसके महत्व के बारे में-
Maghi Amavasya 2026 Kab Hai मौनी अमावस्या 2026 में कब है
माघ मास में आने वाली अमावस्या को ही मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, माघ मास की अमावस्या तिथि का आरंभ 18 जनवरी 2026 को देर रात 12 बजकर 03 मिनट पर होगा। यह तिथि अगले दिन यानी 19 जनवरी 2026 को देर रात 01 बजकर 21 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, साल 2026 में यह पवित्र तिथि रविवार, 18 जनवरी को मनाई जाएगी।

Significance of Mauni Amavasya मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व
मौनी अमावस्या का शास्त्रों में बहुत ऊंचा स्थान है। यह दिन मुख्य रूप से स्नान, दान और मौन व्रत के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। प्रयागराज में इस दिन माघ मेले का मुख्य शाही स्नान भी होता है। इस दिन मौन व्रत रखने का विधान है। मौन रहने से व्यक्ति की बोलने की ऊर्जा की बचत होती है और मन आंतरिक साधना में लगता है। ऋषि मुनि मानते हैं कि मौन व्रत धारण करने से व्यक्ति को आत्म-शुद्धि मिलती है। यह दिन पितरों को प्रसन्न करने और उनके लिए तर्पण करने के लिए भी अति उत्तम माना जाता है। इस दिन दान-पुण्य करने से पितरों को शांति मिलती है। मौनी अमावस्या के इस शुभ अवसर पर गुड़, तिल, कंबल, अनाज और वस्त्रों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।

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