Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 May, 2019 12:56 PM
18 मई शनिवार को वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि है। बहुत सारे स्थानों पर इसे वैशाख पूर्णिमा और सिद्धि विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को बुध पूर्णिमा के रूप में मनाए जाने का विधान भी है क्योंकि
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18 मई शनिवार को वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि है। बहुत सारे स्थानों पर इसे वैशाख पूर्णिमा और सिद्धि विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को बुध पूर्णिमा के रूप में मनाए जाने का विधान भी है क्योंकि इस रोज़ भगवान विष्णु के 9वें अवतार महात्मा बुद्ध का अवतरण हुआ था और उन्हें बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति भी हुई थी। बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन महात्मा बुद्ध का जन्मदिन मनाते हैं। हिंदू धर्मावलंबियों मानते हैं की भगवान बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार हैं।
ज्योतिष विद्वानों का मानना है की 2019 में आने वाली ये पूर्णिमा बहुत शुभ और महत्वपूर्ण है। इस वर्ष समसप्तक संयोग बन रहा है। मंगलमय कार्यों के स्वामी देवों के गुरु बृहस्पति और नवग्रहों के राजा भगवान सूर्य आमने-सामने होंगे। जब ये दोनों एक-दूसरे का सामना करते हैं तो समसप्तक राजयोग बनता है। अत: ये योग सफलता देने वाला है। इस शुभ अवसर पर की गई खरीदारी फलती-फूलती है। भूमि, भवन और वाहन खरीदने के लिए तो ये दिन बहुत बढ़िया है। किसी नए काम का आरंभ करना हो तो शत प्रतिशत कामयाबी मिलने के चांस होते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा पर पापनाशिनी गंगा स्नान का महत्व भी कई गुणा बढ़ जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति गंगा में डुबकी लगाने के बाद दान पुण्य करता है। वे सभी पापों से मुक्त हो जाता है और मनवांछित फलों की प्राप्ति करने के बाद वैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त करता है।
सिद्ध विनायक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए सुगंधित पदार्थों से पूजा करने के बाद खीर का भोग लगाना चाहिए।