Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Jul, 2020 09:26 AM
सन् 2020 ई. का तीसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण 5 जुलाई की सुबह लगने वाला है जिसके समय और सूतक काल को लेकर लोगों में काफी असमंजस बना हुआ है। इस उपच्छाया चंद्रग्रहण के विषय में
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जम्मू (स.ह.): सन् 2020 ई. का तीसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण 5 जुलाई की सुबह लगने वाला है जिसके समय और सूतक काल को लेकर लोगों में काफी असमंजस बना हुआ है। इस उपच्छाया चंद्रग्रहण के विषय में श्री कैलख ज्योतिष व वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि उपच्छाया ग्रहण वास्तव में चंद्रग्रहण नहीं होता।
कई बार पूर्णिमा पर चंद्रमा पृथ्वी की उपच्छाया में प्रवेश करता है, अंग्रेजी में इसको (पैनुम्ब्रा) कहते हैं। चंद्रमा उपच्छाया में प्रवेश कर उपच्छाया शंकु से ही बाहर निकल जाता है और भूभा में प्रवेश नहीं करता है। इसलिए उपच्छाया के समय चंद्रमा का बिंब केवल कुछ समय के लिए धुंधला पड़ता है, इस धुंधलेपन को सामान्य रूप से देखा नहीं जा सकता।
इसलिए चंद्र मालिन्य मात्र होने की वजह से ही इसे उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं न कि चंद्रग्रहण। सनातन धर्म, ज्योतिष शास्त्र व हमारे धर्म शास्त्रकारों ने इस तरह के उपच्छाया में चंद्र बिंब पर मालिन्य मात्र छाया आने के कारण इसे ग्रहण कोटि में नहीं रखा।
इसके लिए ग्रहण संबंधित बातों जैसे गर्भवती महिलाओं को सूतक, स्नान, दान, जप, तप, माहात्य का कोई विचार नहीं होगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद नहीं होंगे और इसका आपकी राशियों पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह उपच्छाया चंद्रग्रहण भारतीय समय के अनुसार 5 जुलाई सुबह 8.37 से शुरू होगा और इसका मध्य 10 बजे होगा। इसका मोक्ष इसी दिन सुबह 11.22 मिनट पर होगा। भारत में यह उपच्छाया चंद्रग्रहण दृश्य नहीं होगा।