Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Apr, 2024 06:55 AM
हिमाचल प्रदेश का गग्गल हवाई अड्डा उस समय आस्था के सागर में डूब गया, जब 15 सदस्यीय बाल बौद्ध भिक्षु दल श्रीलंका से भेजे गए भगवान बुद्ध के
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गग्गल/कोलंबो (अनजान, ए.एन.आई.): हिमाचल प्रदेश का गग्गल हवाई अड्डा उस समय आस्था के सागर में डूब गया, जब 15 सदस्यीय बाल बौद्ध भिक्षु दल श्रीलंका से भेजे गए भगवान बुद्ध के पवित्र कपिलवस्तु अवशेष लेकर स्पाइस जैट से यहां पहुंचा।
गग्गल हवाई अड्डे के निदेशक धीरेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं व अनुयायियों ने उनका स्वागत-अभिनंदन किया। कुछ पल गग्गल एयरपोर्ट पर रुकने के बाद भिक्षुओं का दल सड़क मार्ग से मैक्लोडगंज के लिए रवाना हो गया।
मैक्लोडगंज में श्रीलंका से लाए गए महात्मा बुद्ध के इन अवशेषों को तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाईलामा से स्पर्श करवाने के बाद इन्हें विश्व भर में बौद्ध स्थलों पर ले जाया जाएगा। यह दुर्लभ अवशेष भारत में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान पिपरहवा खुदाई में खोजा गया था तथा यह विश्व भर के बौद्धों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है।
उधर, कोलंबो में श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षु वास्काडुवे महिंदावांसा महानायके के अनुसार तिब्बत के 14वें दलाई लामा ने इतिहास में किसी से भी अधिक बौद्ध धर्म के लिए काम किया है, अत: वह भगवान बुद्ध के पवित्र कपिलवस्तु अवशेष प्राप्त करने के लिए सबसे योग्य व्यक्ति हैं।