Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Mar, 2023 07:21 AM

नए घर में प्रवेश से पूर्व वास्तु शांति अर्थात यज्ञादि धार्मिक कार्य अवश्य करवाने चाहिएं। वास्तु शांति कराने से भवन की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है, घर शुभ प्रभाव देता है तथा जीवन में खुशी व
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Grah pravesh: नए घर में प्रवेश से पूर्व वास्तु शांति अर्थात यज्ञादि धार्मिक कार्य अवश्य करवाने चाहिएं। वास्तु शांति कराने से भवन की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है, घर शुभ प्रभाव देता है तथा जीवन में खुशी व सुख-समृद्धि आती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मंगलाचरण सहित वाद्य ध्वनि करते हुए कुलदेव की पूजा व बड़ों का सम्मान और ब्राह्मणों को प्रसन्न करके गृह प्रवेश करना चाहिए।
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आप जब भी कोई नया घर या मकान खरीदते हैं तो उसमें प्रवेश से पहले उसकी वास्तु शांति कराई जाती है। जाने अनजाने हमारे द्वारा खरीदे या बनाए गए मकान में कोई भी दोष हो तो उसे वास्तु शांति द्वारा दूर किया जाता है। इसमें वास्तु देव का विशेष पूजन किया जाता है।

वास्तु का अर्थ है मनुष्य और भगवान का रहने का स्थान। यह विज्ञान सृष्टि के मुख्य तत्वों आकाश, पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु द्वारा दिए जाने वाले लाभ प्राप्त करने में मदद करता है।

वास्तु वास्तव में दिशाओं के, प्रकृति के पांच तत्वों के, प्राकृतिक स्रोतों और उसके साथ जुड़ी हुई वस्तुओं के देव हैं। हम प्रत्येक प्रकार के वास्तु दोष दूर करने के लिए वास्तु शांति करवाते हैं। उससे जमीन प्रकृति अथवा वातावरण में रहा हुआ वास्तु दोष दूर होता है।

गृह प्रवेश से वास्तु शांति के लिए शुभ नक्षत्र वार एवं तिथि इस प्रकार हैं-
शुभ वार : सोमवार, बुधवार, गुरुवार तथा शुक्रवार।
शुभ नक्षत्र : अश्विनी, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, रोहिणी, रेवती, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, स्वाति, अनुराधा एवं मघा।
अन्य विचार: चंद्रबल, लग्न शुद्धि एवं भद्रादि का विचार कर लेना चाहिए।
