भारतीय ज्योतिष शास्त्रों के आधार पर ऐसे करते हैं भूकम्प की भविष्यवाणियां

Edited By ,Updated: 11 Nov, 2016 12:40 PM

earthquake forecasts

क्या भूकम्प की भविष्यवाणी हो सकती हैं। 1993 में जब लातूर में भूकम्प आया था तो भारत के एक ज्योतिषी ने भूकम्प की बिल्कुल सही पूर्व जानकारी दी थी। यही नहीं एक जर्मन ज्योतिषी ने

क्या भूकम्प की भविष्यवाणी हो सकती हैं। 1993 में जब लातूर में भूकम्प आया था तो भारत के एक ज्योतिषी ने भूकम्प की बिल्कुल सही पूर्व जानकारी दी थी। यही नहीं एक जर्मन ज्योतिषी ने विश्व के दूसरे 75 भूकम्पों का रिकार्ड रखा जिसके 90 प्रतिशत मामलों में पाया गया कि यूरेनस ग्रह की विशेष स्थिति जिस देश के ऊपर थी, वहां भूकम्प अवश्य आया था। उस तिथि के आगे-पीछे ग्रहण अवश्य लगा था। खगोलीय इतिहास में इसे क्रिटीकल पीरियड की संज्ञा दी गई। भारत में ऐसे कई ज्योतिषी विद्यमान हैं, जिनमें सही भविष्यवाणी करने की क्षमता है। वह अपनी विद्या का उपयोग लोकहित में करते हैं। भूकम्प की भविष्यवाणी इनमें से सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, ताकि जनहानि रोकी जा सके। 


नास्त्रेदमस को विश्व का सबसे बड़ा भविष्य द्रष्टा माना जाता है, जिसकी भविष्यवाणियों में से गत 400 वर्षों में लगभग 350 सही निकली हैं। नास्त्रेदमस की 1555 में प्रकाशित सेन्टारीज नामक पुस्तक में 7.7.1999 को एक बड़े नुक्सान का संकेत दिया था। 5.1.1999 को भी  विशेष स्थितियों, भूचाल आने और विनाशकारी होने के संबंध में बताया था।


हमारे प्राचीन गणितज्ञ वराह मिहिर ने वृहत संहिता में लिखा है कि भूचालों का कारण वायुवेग तथा पृथ्वी के धरातल का आपस में टकराना है। भारतीय ज्योतिष शास्त्रों में भूचाल की भविष्यवाणी के विषय में कई बिंदु दिए गए हैं, जिसके आधार पर भूचाल का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है जैसे कि :-


* सूर्य अथवा चंद्र ग्रहण लगने के 40 दिन पूर्व तथा 40 दिन बाद भूचाल आने की संभावना रहती है।


* भूचाल सदा दिन के 12 बजे से लेकर सूर्यास्त तक और मध्य रात्रि से सूर्योदय के बीच ही आएंगे।


* जब आकाश में मंगल व शनि ग्रह एक-दूसरे के 180 डिग्री की दूरी पर हों तो भी जान-माल की हानि होती है।


* मुख्य ग्रहों की चाल उलटी अर्थात वक्री हो रही हो, तब भी समझें पृथ्वी प्रभावित होगी।


* यूरेनस, प्लूटो, नेपच्यून, शनि, मंगल तथा गुरु ग्रहों की विशेष स्थितियां भूचाल लाने में विशेष भूमिका निभाती हैं।


* किसी भी देश की जन्मपत्री में जब आठवां घर पीड़ित हो तो व्यापक मौतें इंगित करता है। 


* गुरु ग्रह वृषभ अथवा वृश्चिक राशि में हो और बुध से योग करता है या उसके समानांतर हो तो भी जलजला आने की आशंका रहती है। 


* जब नेपच्यून यूरेनस को गुरुत्व की दृष्टि से प्रभावित कर रहा हो तो भूकम्प आता है। 


* ग्रहों की गति में अभूतपूर्व तेजी या कमी आ जाए, तो भी पृथ्वी का संतुलन बिगड़ता है और वर्षा बाढ़, तूफान, भूस्खलन, हिमपात, भूचाल आदि अचानक आ जाते हैं।

 
* जब उल्काएं पृथ्वी या सूर्य के बहुत निकट होती हैं तो भी भूचाल आते हैं। 


इसके अतिरिक्त कई अन्य ज्योतिषीय समीकरण हैं, जिनके कारण धरती पर हिल-डुल होती है। उपरोक्त दर्शाए कुछ मोटे बिंदु हैं जिनके आधार पर भूकम्प की पूर्व सूचना देना संभव है। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!