Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Apr, 2018 10:58 AM
वातावरण में नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा रहती है। जो हर व्यक्ति पर अपना प्रभाव डालती हैं। कुंडली में कुछ दोष ऐसे होते हैं, जिनके प्रभाव से बचना व्यक्ति के लिए मुमकिन नहीं होता। ऐसे ही दोषों में है बुरी शक्तियों की नज़र लगना।
वातावरण में नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा रहती है। जो हर व्यक्ति पर अपना प्रभाव डालती हैं। कुंडली में कुछ दोष ऐसे होते हैं, जिनके प्रभाव से बचना व्यक्ति के लिए मुमकिन नहीं होता। ऐसे ही दोषों में है बुरी शक्तियों की नज़र लगना। यह जिस व्यक्ति पर अपनी नज़र रखती हैं, वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है। इस से बचने का एकमात्र उपाय है हनुमान उपासना। जहां हनुमान जी की पूजा होती है, वहां कोई भी बुरी शक्ति अपना सिर नहीं उठा पाती। आईए जानें कुंडली के कुछ खास योग जो व्यक्ति को ले जाते हैं सकारात्मकता से दूर और नकारात्मकता के करीब।
कुंडली के प्रथम भाव में राहु-चंद्र होने से बुरी शक्तियों की नज़र बनी रहती है।
कुंडली में शनि सप्तम भाव में हो और चंद्र पाप ग्रह से क्लेशित, ऐसे में टेंशन बनी रहती है।
जब शनि और राहु लग्न का अशुभ योग बनता है, बुरी शक्तियों का साया बना रहता है।
कुंडली के दसवें भाव का स्वामी ग्रह आठवें अथवा ग्यारहवें भाव में हो और अन्य संबंधित भावों के स्वामी पर अपनी दृष्टि बनाए बैठे हों तो ऐसे में ऊपरी शक्तियों का प्रभाव बना रहता है।
बुरी नजर के प्रभाव में जल्दी आने वाले व्यक्ति की कुंडली के पहले भाव में चंद्र और राहु का साथ होता है, पांचवें और नौवें भाव में अशुभ ग्रह की नज़र गढ़ी रहती है।
कुंडली के सातवें भाव में शनि, राहु, केतु या मंगल स्थित हैं तो समझ जाएं नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कभी सकारात्मकता के करीब नहीं आने देगा।
कुंडली में शनि-मंगल-राहु की युति कभी व्यक्ति को खुश नहीं रहने देती।