Happy Eid-ul-Fitr 2022: प्यार-मोहबत का प्रतीक ‘ईद-उल-फितर’

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 May, 2022 08:41 AM

eid mubarak

मानव मिल-जुल कर रहने का आदी है। इसी कारण वह परिवारों में रहता है। हर मानव की जिंदगी में खुशी और गम आते हैं जिन्हें आपस में बांटना इंसानी फितरत (मानव का स्वभाव) है। हजरत अनस (रजी)

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Happy Eid-ul-Fitr 2022: मानव मिल-जुल कर रहने का आदी है। इसी कारण वह परिवारों में रहता है। हर मानव की जिंदगी में खुशी और गम आते हैं जिन्हें आपस में बांटना इंसानी फितरत (मानव का स्वभाव) है। हजरत अनस (रजी) से साबित है कि पैगम्बर (सल्ल) जब मक्के से हिजरत करके मदीना पहुंचे तो मदीना निवासियों ने उस समय अपने त्यौहारों के लिए 2 दिन नियत किए हुए थे जिसके अंतर्गत वे 2 दिन खुशियां मनाते और खेल-तमाशे करते थे। 

हजूर (सल्ल) ने उनसे पूछा कि ये 2 दिन जो आप मनाते  हैं, इनकी हकीकत और हैसियत क्या है? उन्होंने  जवाब दिया कि हम पुराने समय से अपने बाप-दादों की तर्ज पर ये त्यौहार मनाते आ रहे हैं।  

हजूर (सल्ल) ने फरमाया कि अल्लाह ने आपको इन 2 त्यौहारों के बदले 2 और बेहतरीन त्यौहार अता किए हैं। अब वही आपके त्यौहार हैं। ‘यौम-ए-ईद-उल-फितर’ और ‘यौम-ए-ईद-उल-अजहा’।  ईद-उल-फितर, जिसे सेवियां वाली मीठी ईद भी कहा जाता है, मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार है। 

‘ईद’ से तात्पर्य प्रसन्नता से भरपूर वह दिन है, जो यादगार के तौर पर मनाया जाए। ‘फितर’ से अर्थ रोजे खोलना या मुकम्मल होना है। ईद का दिन खुशी और ईश्वर के धन्यवाद के तौर पर मनाया जाता है। 

रमजान के रोजों में एक सच्चा मुसलमान सुबह से शाम तक अल्लाह की मर्जी के अनुसार जिंदगी व्यतीत करता है। खाने-पीने की चीजें होते हुए भी उनसे मुंह मोड़ता है, शारीरिक इच्छाओं से दूर रहता है और अपने मन को नियंत्रित रखता है।
 
ईद का दिन आपसी मोहबत और समानता का सबक देता है। हमारी खुशी वास्तव में तभी है अगर हम गरीबों, यतीमों, बेबसों,  विधवाओं और बेसहारा लोगों को भी इसमें शामिल करते हैं।  

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