Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Jan, 2022 08:54 AM
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हरियाणा क्षेत्र के प्रितिष्ठित पशु अस्पताल में धूमधाम से मनाया गया मकर संक्रांति का त्यौहार
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Gau Seva Dham: हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हरियाणा क्षेत्र के प्रितिष्ठित पशु अस्पताल में धूमधाम से मनाया गया मकर संक्रांति का त्यौहार। कोटवन-करमन बॉर्डर पर स्थित देवी चित्रलेखा जी के सानिध्य में बीमार पशुओं के लिए नि:शुल्क संचालित गौ सेवा धाम हॉस्पिटल में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद भागवत कथा एवं श्रीराधा चरितामृत कथा के द्वितीया दिवस के मध्य में मकर संक्रांति का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर गौ माताओं को गुड़, तिल के लड्डू, मीठा दलिया, गरम-गरम रोटी, हरा चारा, ताज़ी सब्जियां खिलाकर मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया गया, बाहर से आये भक्तों ने गौमाता को गरम कम्बल औढ़ाए, साथ ही यहां कार्य कर रहे सेवकों को भी मिठाई, तिल के लड्डू, मूंगफली व कम्बल बांटे।
यहां चल रही कथा में देवी चित्रलेखाजी ने श्री राधा रानी के चरित्र का वर्णन किया और साथ ही मकर संक्रांति के पावन त्यौहार के बारे में बताया की मकर संक्रांति का त्योहार, सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है। भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मकर संक्रांति के पर्व को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है।
अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार इस पर्व के पकवान भी अलग-अलग होते हैं लेकिन दाल और चावल की खिचड़ी इस पर्व की प्रमुख पहचान बन चुकी है। विशेष रूप से गुड़ और घी के साथ खिचड़ी खाने का महत्व है। इसके अलावा तिल और गुड़ का भी मकर संक्राति पर बेहद महत्व है।
इस दिन पतंग उड़ाने का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन कई स्थानों पर पतंगबाजी के बड़े-बड़े आयोजन भी किए जाते हैं। लोग बेहद आनंद और उल्लास के साथ पतंगबाजी करते हैं।
देवी जी ने कहा की पतंग से पक्षिओं को होने वाले नुकसान को भी नज़र अंदाज न करें, पक्षिओं की सुरक्षा का ध्यान रखें, अगर पतंग में उलझकर कोई पक्षी घायल हो जाता है तो उसे जल्द से जल्द नजदीक पशु अस्पताल ले जाकर उसका उचित उपचार कराएं।
भजन-संकीर्तन करते हुए अपने त्यौहार को मनाएं।